इसरो (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑरगेनाइजेशन) ने बुधवार (22 मई) की भोर में रिसाट-2 बी नाम का उपग्रह अंतरीक्ष में प्रक्षेपित किया है। यह उपग्रह देश का नवीनतम माइक्रोवेव अर्थ ऑब्जरवेशन सेटेलाइट है। यह ज़मीन से 557 किलोमीटर ऊपर अपने अंतरिक्ष केंद्र से सक्रिय रहेगा। प्रक्षेपण के पंद्रह मिनट बाद ही अंतरिक्ष में निर्धारित जगह पर पहुंच कर 37 डिग्री झुकाव के साथ उसके संदेश आने लगे।
इस उपग्रह की यह खासियत है कि इससे तमाम मौसम संबंधी ब्यौरा, रात-दिन मिलता रहेगा। इसके साथ ही कृषि संबंधी तमाम ज़रूरी जानकारियां, भविष्यवाणियां और प्राकृतिक विपदा और राहत एजंसियों के कामकाज का पूरा ब्यौरा भी इस उपग्रह से हासिल होगा।
इसकी सबसे महत्वपूर्ण उपयोगिता सुरक्षा सेनाओं के लिए होगी। इससे ज़मीन पर हो रही तमाम तरह की गतिविधियां इस उपग्रह के जरिए हासिल हो सकेंगी। इसरो के चेयरमैन के सिवन ने श्रीहरिकोटा लांचिंग पैड से बताया कि यह प्रक्षेपण बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उपग्रह कृषि और सैन्य लिहाज से उपयोगी जानकरी दे सकेगा। उन्होंने यह भी बताया कि 3.6 मीटर का रेडियल एंटेना भी इस उपग्रह पर है।
उपग्रह के साथ ही कम लागत के विक्रम प्रोसेसर का भी परीक्षण किया गया। इसे चंडीगढ़ के सेमीकंडक्टर कांप्लेक्स में विकसित किया गया। यह प्रोसेसर बाद में इसरो लांच व्हीकल का नियंत्रण कर सकेगा।
डा. सिवन विज्ञान विभाग के सचिव भी हैं। उन्होंने बताया कि जुलाई में नौ से सोलह के बीच चंद्रायन दो लैंडर-शेवर मिशन शुरू होगा।