बिना योजना और लक्ष्य के परिणाम सार्थक नहीं होते है। ऐसा ही हाल आजकल दिल्ली का है। जहां प्रदूषण को रोकने के लिये तामाम प्रयास किये जा रहे है। वहीं धरातल पर शासन-प्रशासन के सामने लोग खुले आम धुआं उड़ाते देखे जा सकते है।
दिल्ली के पाँश इलाके से लेकर पिछड़े इलाकों में लोग खुले-आम बीड़ी सिगरेट पीते रहते है। तहलका संवाददाता को नशा उनमूलन अभियान से जुड़े सतीश वर्मा ने बताया कि प्रदूषण पराली वाला तो अक्टूबर और नवम्बर में ही कहर बनकर आता है। लेकिन बीड़ी और सिगरेट के खुलेआम पीने से लोगों को काफी परेशानी होती है। जिसके कारण कैंसर , सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानी होती है। इस लिये सरकार को खुले में बीड़ी-सिगरेट पीने वालों के खिलाफ कार्रवाई के साथ-साथ खासकर सर्दियों के मौसम में बीड़ी –सिगरेट की बिक्री पर रोक लगानी चाहिये ताकि लोगों को बीमारी और जहरीले प्रदूषण से बचाया जा सकें।
लक्ष्मी नगर दिल्ली के निवासी तुषार ने बताया कि सरकार कई काम बिना योजना और लक्ष्य के करती है। जिससे समस्या जस की तस बनी रहती है। उन्होंने बताया कि प्रदूषण में खुले में बीड़ी –सिगरेट पीना एक गंभीर समस्या है। सरकार को इसके लिये कोई ठोक कार्रवाई करनी होगी , ताकि लोगों को प्रदूषण और बीमारी से बचाया जा सकें।