कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार संसद के दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों पर अनुचित दबाव डालकर सच्चाई को छिपाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच को दबाने की साजिश कर रही है। लेकिन सवाल पूछे जाएंगे, संसद के अंदर भी और देश की “जन संसद” में भी।
उन्होंने कांग्रेस मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि, “मोदी जी अब हमारी संसद का इस्तेमाल वॉशिंग मशीन की तरह मित्र के घोटाले धोने के लिए कर रहे है। और हमारी नाराजगी सरकार से है। मेरे भाषण के 6 पॉइंट्स को हटा दिया गया है। जो कि असंसदीय नहीं थे। ”
मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार से कुछ सवाल भी किए है, “क्या अडानी घोटाले की जांच नहीं होनी चाहिए?, क्या अडानी की कंपनियों में निवेश किए गए एलआईसी के पैसे के गिरते मूल्य पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए?, रूपये के बारे में सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए, रूपये के बारे में सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए। एस बीआर्इ और अन्य बैंकों द्वारा अडानी को दिया गया 82,000 करोड़ का श्रृण? सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए कि रुपये क्यों। अडानी के शेयरों में 32 फीसदी से ज्यादा गिरावट के बावजूद अडानी एफपीओ में एलआईसी और एसबीआई के 525 करोड़ का निवेश?, एलआईसी और एसबीआई के शेयरों का मूल्य रुपये से अधिक क्यों गिर गया। शेयर बाजार में एक लाख करोड़ ”
क्या अडानी घोटाले की जाँच नहीं होनी चाहिए ?, क्या LIC का पैसा, जो अडानी की कंपनियों में लगा है, उसकी गिरती कीमतों पर सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए ? ,SBI व दूसरे बैंकों द्वारा अडानी को दिए गए ₹82,000 Cr लोन के बारे में सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए।, क्या यह नहीं पूछना चाहिए कि अडानी के शेयरों में 32 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट के बावजूद LIC व SBI का 525 करोड़ अडानी FPO में क्यों लगवाया गया ?, क्या यह नहीं पूछा जाना चाहिए कि LIC और SBI के शेयरों की कीमत शेयर बाजार में 1 लाख करोड़ से ज्यादा क्यों गिर गई ?, क्या यह नहीं पूछा जाना चाहिए कि Tax Heavens से अडानी की कंपनियों में आने वाला हजारों करोड़ रुपया किसका है?, क्या मोदी जी ने अडानी के एजेंट के तौर पर श्रीलंका और बांग्लादेश में ठेके दिलवाए? किस-किस और मुल्क में जाकर प्रधानमंत्री ने अडानी की मदद की?, क्या यह सच है कि फ्रांस की “Total Gas” ने अडानी की कंपनी में होने वाले 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश को जाँच पूरी होने तक रोक दिया है?
उन्होंने सवाल करते हुए आगे कहा कि, क्या दुनिया के सबसे बड़े शेयर इन्वेस्टर, Norway Sovereign Fund ने 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अडानी के सारे शेयर बेच दिए हैं ? , क्या MSCI ने अडानी की कंपनियों की रैंकिंग गिरा दी है ? , क्या Standard Chartered, City Group, Credit Suisse ने अडानी के डॉलर बॉन्ड्स पर लोन देना बंद कर दिया है ?, क्या Dow Jones ने अडानी की कंपनी को “Sustainability Indices” से हटा दिया है ?, क्या कारण है कि मोदी जी और पूरी सरकार संसद में अडानी शब्द भी नहीं बोलने देती ?, क्या कारण है कि RBI, SEBI, ED, SFIO, Corporate Affairs Ministry, Income Tax, CBI, सबको लकवा मार गया है, और वो अडानी की जांच के नाम पर आँखें मूंदे बैठे हैं। इसके अलावा उन्होंने और भी कई मुद्दे उठाए।