प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि क्वाड देशों के बीच आपसी विश्वास और दृढ़ संकल्प न सिर्फ लोकतांत्रिक ताकतों को नयी ऊर्जा दे रहा है, बल्कि एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थापना को प्रोत्साहित भी कर रहा है। मोदी ने यह बात टोक्यो में आयोजित क्वाड सम्मलेन में कही।
प्रधानमंत्री ने कहा – ‘क्वाड हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए एक रचनात्मक एजेंडे के साथ आगे बढ़ रहा है, जो वैश्विक भलाई की दिशा में काम करने वाली एक ताकत के रूप में उसकी छवि को और मजबूत बनाएगा। क्वाड ने बेहद कम समय में वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है।’
मोदी ने कहा कि हमने टीका वितरण, जलवायु कार्रवाई, आपूर्ति श्रृंखला को लचीला बनाने, आपदा प्रतिक्रिया, आर्थिक सहयोग और कोविड-19 महामारी से उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने की दिशा में समन्वय बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि क्वाड देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता की स्थापना में योगदान दे रहा है।
इसके अलावा आईपीईएफ की शुरुआत से जुड़े कार्यक्रम में मोदी ने कहा – ‘आईपीईएफ की घोषणा हिंद-प्रशांत क्षेत्र को वैश्विक आर्थिक विकास का इंजन बनाने की सामूहिक इच्छा की घोषणा है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र की आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए साझा और रचनात्मक समाधान खोजने की आज बड़ी जरूरत है।’
पीएम मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा को बेहतरीन मेजबानी के लिए बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि टोक्यों में मित्रों के बीच होना सौभाग्य की बात है। क्वाड की संभावना बहुत व्यापक हो गई है। थोड़े समय में ही क्वाड ने अपनी अलग जगह बनाई है। इंडो-पैसेफिक क्षेत्र में क्वाड अच्छा काम कर रहा है।
मोदी ने अलावा क्वाड सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीस भी उपस्थित थे।
बाइडेन ने इस मौके पर रूस-यूक्रेन युद्ध का मसला उठाया। उन्होंने कहा कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन एक संस्कृति को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। यह यूरोपियन नहीं, बल्कि वैश्विक मुद्दा है। यूक्रेन पर गेहूं निर्यात में पाबंदी से दुनियाभर में खाद्य संकट खड़ा हो गया है।