क्या मनुष्य अमर हो सकते हैं?

हिन्दू पौराणिक कथाओं में जब भी कोई असुर अमरता का वरदान माँगते हैं, तो ब्रह्मा उन्हें कहते हैं कि वे जो चाहें प्राप्त कर सकते हैं, सिवाय अमर होने के। चतुर असुर तब एक ऐसा वरदान माँगते हैं, जो उन्हें सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए अमर कर देगा। लेकिन वरदान में एक बचाव का रास्ता फिर भी रहता है, जिसका लाभ उठाकर देवता उसका संहार कर सकते हैं। इस प्रकार हमें याद दिलाया जाता है कि दुनिया में कोई भी अमर नहीं है।

हालाँकि गूगल के एक पूर्व इंजीनियर रे कुर्जवील, जिनकी 147 भविष्यवाणियों में 86 फ़ीसदी की सफलता दर है; ने अपने दावे से एक सनसनी पैदा कर दी है। कुर्जवील ने कहा है कि प्रौद्योगिकी में प्रगति जल्दी से उम्र-उलटने वाले ‘नैनोबॉट्स’ की ओर ले जाएगी और मनुष्य अगले आठ साल या 2030 तक अमरत्व प्राप्त कर लेंगे। भविष्यवाणी की ही बात करें, तो एक प्रमुख भविष्यवादी डॉ. इयान पियर्सन ने भविष्यवाणी की है कि मानव बुद्धि, स्मृति या इंद्रियों को बाहरी तकनीक से जोड़ा जा सकता है।

दोनों की साख इतनी विश्वसनीय है कि संदेह की सुई उठाना मुश्किल है, जबकि रे कुर्जवील वही कम्प्यूटर वैज्ञानिक और पूर्व गूगल इंजीनियर हैं, जिन्होंने सन् 1999 में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पदक हासिल किया था। उधर डॉ. इयान पियर्सन के आविष्कारों में टेक्स्ट मैसेजिंग और सक्रिय सम्पर्क लेंस शामिल हैं।

अपने दिमाग़ को कम्प्यूटर पर अपलोड करने के विचार को कई वर्षों से सिद्धांत बद्ध किया गया है; लेकिन यह ज़्यादातर विज्ञान कथाओं तक सीमित है। यूएस-आधारित स्टार्ट-अप, नेक्टोम, मानव मस्तिष्क को संरक्षित करने का एक तरीक़ा ईजाद करके इसे बदलने की कोशिश कर रहा है, ताकि इसकी यादों को क्लाउड पर अपलोड किया जा सके। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) टेक्नोलॉजी रिव्यू के मुताबिक फर्म ने ‘हाई-टेक इम्बलिंग प्रोसेस’ का उपयोग करके सूक्ष्म विस्तार में मानव मस्तिष्क को संरक्षित करने का एक तरीक़ा निकाला है।

यूके के मेल ऑनलाइन में 8 अप्रैल, 2023 को टिप्पणियों को संकलित करते हुए, फियोना जैक्सन ने लिखा- ‘क्या आप हमेशा के लिए जीवित रह सकते हैं? विशेषज्ञों का दावा है कि मनुष्य 2030 तक अमरत्व प्राप्त कर सकता है और एक भविष्यवादी तो यह भी कहता है कि हम मस्तिष्क को फिर से जीवंत करके और अपने दिमाग़ को क्लाउड पर अपलोड करके एक नये शरीर में अपने स्वयं के अंतिम संस्कार में शामिल होने में सक्षम होंगे। हालाँकि तकनीक के काम करने के लिए प्रतिभागियों को इच्छामृत्यु के लिए तैयार रहना होगा।’ प्रतिष्ठित संस्थान ने दावा किया कि तकनीक अपनी प्रारम्भिक अवस्था में है और इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वे चेतना को फिर से बना सकते हैं।

प्रमुख भविष्यवादी डॉ. इयान पियर्सन ने भविष्यवाणी की थी कि मानव बुद्धि, स्मृति या इंद्रियों को बाहरी तकनीक से जोड़ा जा सकता है। पियर्सन एक फ्यूचर इंस्टीट्यूट फ्यूचरिजन चलाते हैं। वह दावा करता है कि 10-15 साल आगे देखने पर 85 फ़ीसदी सटीकता सिद्ध होती है। उनके आविष्कारों में टेक्स्ट मैसेजिंग और एक्टिव कॉन्टैक्ट लेंस शामिल हैं। वह गणित और भौतिकी स्नातक हैं, डॉक्टर ऑफ साइंस हैं, और उन्होंने इंजीनियरिंग की कई शाखाओं में काम किया है, जिसमें वैमानिकी और हथियार डिजाइन से लेकर साइबरनेटिक्स, टिकाऊ परिवहन से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सौंदर्य प्रसाधन शामिल हैं।

अपने दिमाग़ की एक बैकअप प्रतिलिपि बनाने के बजाय आपकी अधिकांश बुद्धि आपके भौतिक मस्तिष्क के बाहर एक जगह से चल रही होगी। एक ब्लॉग पोस्ट में उन्होंने लिखा- ‘एक दिन, आपका शरीर मर जाता है और इसके साथ आपका दिमाग़ रुक जाता है। लेकिन कोई बड़ी समस्या नहीं है, क्योंकि आपका 99 प्रतिशत दिमाग़ अभी भी ठीक है, आईटी और क्लाउड पर पर ख़ुशी से चल रहा है।’

यह मानते हुए कि आपने पर्याप्त चीज़ें सेव की हैं और ख़ुद को अच्छी तरह से तैयार किया है, आप अब से अपने शरीर के रूप में उपयोग करने के लिए एक एंड्रॉयड से जुड़ते हैं, अपने अंतिम संस्कार में शामिल होते हैं, और फिर आप एक युवा, अत्यधिक उन्नत शरीर के साथ पहले की तरह आगे बढ़ते हैं।

अतीत में रे कुर्जवील की भविष्यवाणी सटीक साबित हुई हैं, जो भविष्य के अन्य विचारकों के बीच एक सोच को प्रेरित करती हैं, जबकि उनकी कई भविष्यवाणियाँ सच हो गयी हैं। कुर्जवील की 2005 की पुस्तक ‘द सिंगुलरिटी इज नियर’ में किया गया दावा फिर से ऑनलाइन रूप में सामने आया है, जब यूट्यूब चैनल एडैगियो ने पुस्तक से अंतर्दृष्टि साझा करते हुए दो-भाग की क्लिप साझा की। इसने सोशल मीडिया पर अमरता पर एक बहस शुरू कर दी है और अगर ऐसा हुआ भी तो इंसान इसे हासिल कर ही लेंगे।

अपनी पुस्तक में वैज्ञानिक ने भविष्यवाणी की कि प्रौद्योगिकी 2030 तक मनुष्यों को हमेशा के लिए जीवन का आनंद लेने का रास्ता खोलेगी। उन्होंने आनुवंशिकी, नैनो प्रौद्योगिकी, रोबोटिक्स और अन्य के बारे में भी बात की। कुर्जवील ने 2017 में फ्यूचरिस्म को बताया था- ‘सन् 2029 वह तारीख़ है, जिसके लिए मैंने भविष्यवाणी की है कि कब कोई एआई एक वैध ट्यूरिंग टेस्ट पास करेगा और इसलिए मानव स्तर की बुद्धिमत्ता हासिल करेगा। मैंने सिंगुलैरिटी के लिए 2045 की तारीख़ निर्धारित की है, जब हम हमारे द्वारा बनायी गयी बुद्धिमत्ता के साथ विलय करके अपनी प्रभावी बुद्धिमत्ता को एक अरब गुना बढ़ा देंगे।’ -उनकी इस बात को न्यूयॉर्क पोस्ट ने उद्धृत किया था।

कुर्जवील ने नैनो टेक्नोलॉजी और रोबोटिक्स के बारे में बात की, जिसके बारे में उनका मानना है कि यह उम्र को उलटने वाले ‘नैनोबोट्स’ को जन्म देगा। पूर्व गूगल इंजीनियर के अनुसार, ये छोटे रोबोट लगातार क्षतिग्रस्त कोशिकाओं और ऊतकों को ठीक करते रहेंगे, जो उम्र बढऩे के साथ ख़राब होने लगते हैं, जिससे हम घातक बीमारियों से प्रतिरक्षित हो जाते हैं।

एआई इंसानों से ज़्यादा स्मार्ट?

आम आदमी की नज़र में सिंग्युलॅरिटी उस समय का एक काल्पनिक भविष्य बिंदु है, जब प्रौद्योगिकी में सभी प्रगति- विशेष रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) में उन मशीनों के उदय की ओर ले जाती है, जो मनुष्यों की तुलना में अधिक स्मार्ट हैं। कुर्जवील अकेले व्यक्ति नहीं हैं, जिन्होंने विलक्षणता के बारे में बात की है। सॉफ्टबैंक के सीईओ मसायोशी सोन ने भी अतीत में 2047 तक सुपर-इंटेलिजेंट मशीनों की शुरुआत की भविष्यवाणी की थी। टेक मुगल मसायोशी सोन ने 2017 में सऊदी अरब के रियाद में फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव में कहा था- ‘अब से 30 साल बाद वे (साइबरबर्ग) ख़ुद से सीखने जा रहे हैं, वे शायद आप और हम पर हँसने वाले हैं।’

बता दें सॉफ्टबैंक रोबोटिक्स पहले से ही पेप्पर है, जो एक अर्ध-ह्यूमनॉइड रोबोट है जिसे भावनाओं को पढऩे की क्षमता के साथ डिजाइन किया गया है। इसे जून, 2014 में एक सम्मेलन में पेश किया गया था और बाद में जापान में सॉफ्टबैंक मोबाइल फोन स्टोर में प्रदर्शित किया गया था।

साल 2023 में अभी कुछ ही महीने हुए हैं और हमने पहले ही गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी तकनीकों को अपने सम्बन्धित एआई-संचालित चैटबॉट्स को पेश करते हुए देखा है। इसके परिणामस्वरूप भविष्य के लिए एक और ख़तरनाक सवाल भी पैदा हो गया है कि क्या मानव जाति वास्तव में एआई के लिए तैयार है?

जो भविष्यवाणियाँ हुईं सच

यह पहली बार नहीं है, जब इस वैज्ञानिक ने भविष्यवाणी की है। सन् 1990 में कुर्जवील ने भविष्यवाणी की थी कि दुनिया का सर्वश्रेष्ठ शतरंज खिलाड़ी सन् 2000 तक एक कम्प्यूटर से हार जाएगा। भविष्यवाणी सन् 1997 में सच हुई जब डीप ब्लू ने गैरी कास्परोव को हरा दिया। सन् 1999 में उन्होंने एक और भविष्यवाणी करते हुए कहा कि सन् 2023 तक 1,000 डॉलर के लैपटॉप में भंडारण क्षमता और मानव मस्तिष्क की क्षमता के समान होगी। ख़ुद को भविष्यवादी कहने वाले लेखक कुर्जवील ने भी भविष्यवाणी की थी कि सन् 2010 तक दुनिया के अधिकांश हिस्सों में हाई-बैंडविड्थ वायरलेस इंटरनेट की पहुँच होगी।

एसएक्सएसडब्ल्यू के साथ एक साक्षात्कार में कुर्जवील ने कहा था- ‘सन् 2029 तक कम्प्यूटरों में मानव-स्तर की बुद्धि होगी।’ फिर सन् 2023 की बात करें, तो सिलिकॉन वैली शीर्ष तकनीकी दिग्गजों के बीच एक कठिन जंग देख रही है, क्योंकि वे कृत्रिम बुद्धिमत्ता की ओर दौड़ रहे हैं कि कैसे इसे रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में शामिल किया जा सकता है।