कहां से कहां जाते जा रहे हैं हम। अब छेड़छाड़ जैसे गंभीर मामलों में भी राजनीतिक रोटियां सेंकी जा रही हैं। पुलिस प्रशासन भी हीलाहवाली कर रहा है। समय रहते एक्शन क्यों नहीं लिया जाता। कानून का खौफ भी नहीं दिख रहा। ये हाल है देश की राजधानी में दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज का। यहां के सालाना कार्यक्रम ‘रेवरी’ में 6 फरवरी को छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और अश्लील हरकतें की जाती हैं। दर्जनों बाहरियों को गेट से या दीवार फांदकर जाने दिया जाता है। आखिर इसका जिम्मेदार कौन है? कौन सा समाज बनाते जा रहे हैं और क्या सीख देना चाहते हैं इससे।
मामले ने तब तूल पकड़ा जब छात्राओं ने सोशल मीडिया के जरिये आपबीती बताई। वरना ये पुलिस तो कानून की देवी की तरह अंधी होती जा रही है। बताया गया कि छेड़छाड़ के दौरान कॉलेज के सुरक्षाकर्मी और यहां तक कि दिल्ली पुलिस के जवान भी मौजूद थे। पर उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया। मामले में एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई।
सोमवार को जब छात्राओं ने बड़ी संख्या में उतरकर विरोध प्रदर्शन किया तो पुलिस प्रशासन के कान खड़े हुए और आनन-फानन में तमाम धाराओं के तहत हौज खास थाने में एफआईआर भी दर्ज कर ली गई। अब सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है। मामला संसद तक में गूंजा। आम आदमी पार्टी भी हमलावर हो गई। संसद में आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मुद्दा उठाया तो दूसरी ओर सीएम केजरीवाल ने ट्वीट के जरिये कहा, हमारी बेटियों के साथ इस तरह का व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
कुछ छात्राओं ने इस घटना के संबंध में सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की थी। कार्यक्रम के दौरान देर शाम करीब 6.30 बजे नशे में धुत पुरुषों के ग्रुप ने कॉलेजमें जबरन घुस कर छेड़खानी की और अश्लील हरकतें भी कीं। अब मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग और दिल्ली महिला आयोग ने भी दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट मांगी है।