कल जिस तरह बीजेपी के चंद्रकांत पाटील ने दावा किया महाराष्ट्र सरकार बन जाएगी उसे देखते हुए भले ही माना जा सकता है कि देवेंद्र फडणवीस गुरुवार या शुक्रवार को दूसरी बार चीफ मिनिस्टर हद की शपथ लेने लेकिन शिवसेना के हट को देखते हुए यहां पर पेंच फंसा दिखाई देता है।
यह मानलें कि मामला सुलझ जाता है तो बीजेपी शिवसेना गठबंधन की सरकार बन सकती है।
यदि मामला नहीं सुुलझता, शिवसेना समर्थन नहीं देती तो बीजेपी अपने 105 सीटों के साथ इंडिपेंडेंट और छोटी मोटी पार्टियों को साथ जोड़कर सत्ता हासिल कर सकती है जो टेढ़ी खीर है।
बार-बार एनसीपी के साथ शिवसेना सांसद संजय राउत की मीटिंग को देखते हुए शिवसेना का एनसीपी के साथ मिलकर और कांग्रेस के बाहरी समर्थन के साथ शिवसेना सत्ता में आ सकती है।
बीजेपी 2014 की तरह एनसीपी के बाहरी समर्थन आकर अपनी सरकार बनाएं और शिवसेना का इंतजार करें।
और यह सभी विकल्प फेल हो जाते हैं तो ऐसी सूरत में राष्ट्रपति शासन संवैधानिक विकल्प के तौर पर रह जाता है। राष्ट्रपति शासन लागू होने पर राज्य के सभी अधिकार गवर्नर के पास होते हैं। 9 नवंबर को मौजूदा सरकार का कार्यकाल अपने आप समाप्त हो जाएगा।