श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने ईपीएफ योजना में संशोधन के लिए अधिसूचना जीएसआर 225(ई) जारी की है। इस अधिसूचना के मुताबिक, ईपीएफ सदस्यों को अपने ईपीएफ खातों से ग़ैर-वापसी योग्य अग्रिम धननिकासी की अनुमति होगी। महामारी या वैश्विक महामारी के फैलने की स्थिति में यह अधिसूचना धननिकासी की अनुमति देती है, जो तीन महीनों के मूल वेतन तथा महंगाई भत्ते या सदस्य के ईपीएफ खाते में जमा धनराशि के 75 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह योजना देश में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लागू की गयी है।
कोविड-19 को उचित प्राधिकरणों द्वारा पूरे देश के लिए महामारी घोषित किया गया है इसलिए पूरे भारत के प्रतिष्ठानों और कारखानों के जो कर्मचारी ईपीएफ योजना के सदस्य हैं, वे सभी ग़ैर-वापसी योग्य अग्रिम के लाभ प्राप्त करने के पात्र हैं। ईपीएफ योजना, 1952 के अनुच्छेद 68एल में उप-अनुच्छेद(3) जोड़ा गया है। संशोधित योजना-कर्मचारी भविष्य निधि (संशोधन) योजना, 2020 को 28 मार्च, 2020 से लागू किया गया है।
ईपीएफओ ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश दिये हैं कि ईपीएफ सदस्यों के आवेदनों पर त्वरित निर्णय लिये जाने चाहिए। ईपीएफओ ने निर्देश दिया है कि ईपीएफ सदस्यों के दावों पर अधिकारी और कर्मचारी जल्द निर्णय लें, ताकि कोविड-19 के ख़िलाफ़ लड़ाई में कामगारों और उनके परिजनों तक राहत पहुँच सके।