कोविड-19 से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने देश में विभिन्न अस्पतालों में 280 आईसोलेशन बेड बढ़ाये जाने की योजना तैयार की है। इसके लिए रक्षा मंत्रालय के रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (डीपीएसयू) और आर्डनेंस फैक्टरी बोर्ड (ओएफबी) को शामिल किया गया है।
प्राप्त सूत्रों के अनुसार, ओएफबी ने देश के छः राज्यों के 10 अस्पतालों में 280 आईसोलेशन बेडों की योजना बनायी है। ये अस्पताल व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर, धातु एवं इस्पात फैक्ट्री ईशापुर (पश्चिम बंगाल), गन एवं शेल फैक्ट्री कोसिपुर (पश्चिम बंगाल), एमुनिशन फैक्ट्री खड़की (महाराष्ट्र), आर्डनेंस फैक्ट्री कानपुर (उत्तर प्रदेश), आर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया, हेवी वेहीकल फैक्ट्री अवदी (तमिलनाडु) एवं आर्डनेंस फैक्ट्री मेडक (तेलंगाना) में स्थित हैं।
भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आग्रह पर अगले दो महीने के दौरान आईसीयू के लिए 30,000 वेंटिलेटरों के निर्माण एवं आपूर्ति के लिए क़दम बढ़ाया है।
इन वेंटिलेटरों की डिजाइन मूल रूप से रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा तैयार की गयी थी, जिसमें मेसर्स एसकैनरी, मैसूर द्वारा सुधार लाया गया था; जिसके साथ बीईएल का गठबंधन है। आर्डनेंस फैक्टरी, मेडक ने हैदराबाद में विभिन्न अस्पतालों में वेंटिलेटरों की मरम्मत आरम्भ कर दी है।
हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) बेंगलूरु में इंटेसिंव केयर यूनिट में तीन बेड एवं 30 वार्ड के साथ आईसोलेशन सुविधा है। इसके अलावा 30 कमरों वाला एक भवन तैयार किया गया है। कुल मिलाकर एचएएल सुविधा केंद्र में 93 लोगों को समायोजित किया जा सकता है।
फ़िलहाल ओएफबी ने अल्प सूचना पर अरुणाचल प्रदेश सरकार के लिए 50 विशिष्ट तम्बुओं का निर्माण करके है कोविड-19 मरीज़ों को वहाँ भेजा है।
वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुरूप ओएफबी की फैक्ट्रियों में हैंड सैनिटाइजरों का विकास और उत्पादन शुरू कर दिया गया है। भारत सरकार द्वारा केंद्रीकृत ख़रीद के लिए नियुक्त नोडल एजेंसी एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड (एचएलएल) से उन्होंने 13,000 लीटर सैनेटाइजर की स्वीकृति प्राप्त की है। बता दें कि 1,500 लीटर सैनेटाइजरों की पहली खेप 31 मार्च, 2020 को कोर्डाइट फैक्ट्री अरुवनकाडु (तमिलनाडु) से भेजा गया था। अब दो और फैक्ट्रियों- आर्डनेंस फैक्ट्री (ओएफ) इटारसी (मध्य प्रदेश) और ओएफ भंडारा (महाराष्ट्र) बल्क उत्पादन के साथ तैयार हैं। इनकी क्षमता एक साथ मिलकर प्रति दिन 3000 लीटर सैनेटाइजर तैयार करने की है।
वहीं कवरआल (कोरोना वायरस से बचाव के लिए पहनने के वस्त्र) और मास्क तैयार करने में कानपुर, शाहजहाँपुर, हज़रतपुर (फ़िरोज़ाबाद) एवं चेन्नई स्थित आर्डनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्रियाँ लगी हुई हैं। इन फैक्ट्रियों ने कवरआल और निर्माण के लिए स्पेशल हीट स्केलिंग मशीनों की भी व्यवस्था की हुई है।
फैक्ट्रियों के बोर्डों ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, ग्वालियर से इसके सैंपल के लिए आग्रह किया था। मास्कों का परीक्षण कोयंबटूर के साउथ इंडिया टेक्स्टाइल रिसर्च एसोसिएशन (एसआईटीआरए) में किया जाना जा रहा है, जो जारी रहेगा। ओएफबी जल्द ही प्रति सप्ताह 5,000 से 6,000 पीस तक कवरआल का बल्क उत्पादन शुरू करने जा रहा है। यहाँ तीन मशीनें और लगायी गयी हैं, जिन्हें कवरआल तथा मास्कों की दक्षता के परीक्षण के लिए एसआईटीआरए द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है। इनका उपयोग उत्पादन से लेकर मानकों के रखरखाव में किया जाएगा।