जम्मू कश्मीर को लेकर शुक्रवार को आये सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर तीखा निशाना साधा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद, जो खुद इस मामले में एक याचिकाकर्ता थे, ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अदालत ने कश्मीर के लोगों के दिल की बात कही है, जिसका पूरा देश इंतजार कर रहा था।
गुलाम नबी आजाद ने कहा – ”केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के दो हिस्से कर दिए थे, पर्यटकों को बाहर निकाला गया, नेताओं को नज़रबंद कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने जनता के हितों की बात की है। सरकार ने घाटी की पहचान को खत्म करने का काम किया है।”
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इंटरनेट बंद करने की वजह से शिक्षा, व्यापार का भारी नुकसान हुआ था। उन्होंने कहा – ”लोगों को जरूरी चीज़ें नहीं मिल पा रही थीं। ऐसे में अदालत का फैसला आम लोगों की बात कहता है। कांग्रेस पार्टी अदालत के फैसले का स्वागत करती है।”
उधर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी ट्वीट कर सर्वोच्च अदालत के फैसले पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा – ”मोदी-शाह की सरकार के पास अब सिर्फ एक हफ्ता बचा है कि वो इंटरनेट बैन के फैसले का रिव्यू करें। अब सच को सीलबंद लिफाफे में नहीं छिपाया जा सकता है।”
सुरजेवाला ने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर हमला करते हुए कहा कि सर्वोच्च अदालत ने इंटरनेट के महत्व को मौलिक अधिकार बताते हुए मोदी सरकार की ‘अवैध गतिविधियों’ को साल २०२० का पहला बड़ा झटका दिया है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता ने फैसले के बाद कहा कि यह मोदी और शाह के लिए दोहरे झटके की तरह है, जहां साफ हो गया कि धारा १४४ लगाकर असंतोष का दमन नहीं किया जा सकता है। सुरजेवाला ने कहा कि मोदीजी को याद दिलाया गया कि राष्ट्र संविधान के सामने झुकता है उनके सामने नहीं।
गौरतलब है कि सर्वोच्च अदालत ने आज सुबह ही अपने आदेश में केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर में जारी पाबंदियों की एक हफ्ते के अंदर समीक्षा करने और जहां जरूरत वहां इंटरनेट शुरू करने को कहा है।