पूर्व प्रधानमंत्री डाॅ. मनमोहन सिंह ने कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के मोदी सरकार के तौर तरीके और खामियों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इस महामारी से निपटने का सबसे बढ़िया तरीका आक्रामक जांच करना ही है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो इसकी वजह से आने वाली चुनौतियों का सामना करना और मुश्किल हो सकता है।
मनमोहन सिंह ने रविवार को कांग्रेस की ओर से वीडियो कांफ्रेंसिंग में कहा कि जांच से ही किसी भी व्यक्ति में इसके संक्रमण का पता लगाया जा सकता है और उसके बाद ही इससे लड़ने व बचाव के कदम उठाए जा सकते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा पर्याप्त मात्रा में जांच सुविधा नहीं होने से कुछ समस्याएं हैं और जांच की अधिक आक्रामक सुविधाओं के बिना हम इस समस्या से उबर नहीं पाएंगे।
वैश्विक महामारी और लॉकडाउन को लेकर कांग्रेस पार्टी पिछले कुछ दिनों से पूरी तरह सक्रिय है। इस दौरान कई नेताओं से संवाद होता है और जरूरी मुद्दों पर चर्चा करके सरकार को भी सलाह और मशविरा दिया जा रहा है। वीडियो कनेक्टिविटी के जरिये विभिन्न नेताओं के विचारों को साझा किया जा रहा है। हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोरोना महामारी पर पार्टी का एक समूह बनाया है जिसकी अध्यक्षता मनमोहन सिंह कर रहे हैं।
इससे पहले शनिवार को मनमोहन सिंह केंद्र सरकार की ओर से सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत रोके जाने पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि संकट के समय में कर्मचारियों के साथ ऐसा किया जाना अमानवीयता है। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नोटबंदी से लाॅकडाउन की तुलना की थी। उन्होंने कहा था कि तब की तरह इस बार भी अर्थव्यवस्था और लोगों की नौकरियांे पर गंभीर खतरा पैदा हो गया है। इस बाबत उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर एमएसएमई और लोगों की नौकरियां बचाने के लिए एक-एक लाख करोड़ रुपये के दो फंड बनाए जाने का आग्रह किया है।