कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने मोदी सरकार के कोरोना वायरस के लड़ाई के तौर-तरीकों पर सवाल उठाया है। राहुल गांधी ने कहा, महामारी के खिलाफ लड़ाई अकेले पीएमओ से नहीं लड़ी जा सकती और पीएम मोदी को इस जंग में मुख्यमंत्रियों पर विश्वास जताकर राज्यों को भी साझीदार बनाना होगा। सरकार को सभी कदमों में पारदर्शिता बरतनी होगी। छोटे कारोबारियों और जरूरतमंदों के अलावा गरीबों व मजदूरों के खातों में 7,500 रुपये डालने चाहिए।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस नेता ने कहा, इस संकट की घड़ी में हमें यह भूलना होगा कि मीडिया से हूं, कांग्रेस से हूं, आरएसएस से हूं या भाजपा से हूं। हम सबसे पहले हिंदुस्तानी हैं। हमें हिंदुस्तान के अंदर से डर निकालना होगा। लॉकडाउन खोलने के लिए मापदंडो को समझने की जरूरत है। यह अहम है कि सरकार इनके बारे में लोगों को बताए और उनका सामना करे।
उन्होंने कहा, एक बहुत ही मजबूत भावना है कि बिना देरी के एमएसएमई क्षेत्र के लिए पैकेज, गरीबों को पैसा दिया जाए। हमारे प्रवासियों के लिए एक रणनीति बनाएं और लॉकडाउन खोलने के लिए ठीक से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। आपात स्थिति से निपटने के लिए ‘न्याय’ योजना को लागू करने पर विचार करने की जरूरत है।
एक सवाल के जवाब में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘पीएम केयर्स’ फंड का ऑडिट होना चाहिए। आरोग्य सेतु से जुड़े सवाल पर गांधी ने कहा, ‘इस एप को हैकर्स ने क्रैक कर दिया है। मेरा इतना कहना है कि आप इसे ‘ओपन सोर्स’ कीजिए। पारदर्शिता लाकर सरकार कोई भी एप चला सकती है।