देश में कोरोना के कहर से लोगों का बुरा हाल है. उस पर आज-कल टिडिड्यों के कहर से आम लोंगों के साथ – साथ किसानों का भी बुरा हाल है । उत्तर –प्रदेश , मध्य-प्रदेश, गुजरात, पंजाब,राजस्थान और बिहार में टिडिड्यों का हमला खाद्य सुरक्षा के लिये चुनौती बनता जा रहा है। तहलका संवाददाता को उत्तर –प्रदेश के किसान गोविन्द दास ने बताया कि यहां की फसल की कटाई का काम पूरा हो चुका है। लेकिन सब्जियों और चारे की फसल को टिडिड्यों का हमला पूरी तरह से तहस –नहस कर रही है। उनका कहना है ,कि वैसे ही किसान कोरोना के कारण तमाम दिक्कतों से जूझ रहा है । ऐसे में टिडिड्यों का कहर एक गंभीर समस्या बनकर सामने आया है।कृषि विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों का कहना है ,कि यह जलवायु संकट का नतीजा है।कृषि विशेषज्ञ लक्ष्मी प्रसाद का कहना है कि पिछले साल मानसून पश्चिम भारत में 5-6 सप्ताह पहले ही जून के आखिरी सप्ताह में शुरू हुआ था, जिसकी वजह से ये अक्टूबर और नवंबर तक सक्रिय रहा है। इसके कारण प्राकृतिक वनस्पति का उत्पादन जमकर हुआ, जो कि टिडिड्यों के प्रजनन की सरल और आदर्श स्थिति थी।ऐसे में टिडिड्यों के बढते झुड से बचने के लिये विशेषज्ञों की सलाह पर क्लोरपाइरीफाँस का घोल बनाकर छिडकाव कर बचा जा सकता है।
किसान चंद्रपाल सिंह का कहना है, कि टिडिड्यों का कहर कहीं जुलाई –अगस्त में मूंग. बाजरा. उडद.और मूंगफली की फसल को खराब ना कर दें। यह डर किसानों को सता रहा है।उन्होंने बताया कि टिडिट्यों से बचाव की जानकारी के लिये राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी दल बने हुये है।जो समय –समय पर टिडिड्यों से बचाव व कीटनाशक के बारे में जानकारी देते रहते है।राजस्थान के निवासी व एम्स में कार्यरत सतीश कुमार ने बताया कि टिडिड्यों का झुड का झुड कपास की फसल को नष्ट करने में लगा है।उन्होंने बताया कि राजस्थान के लगभग 15 – 20 जिले टिडिड्यों के प्रकोप से काफी परेशान है। कृषि के जानकार राजकुमार का कहना है, कि 25 -26 साल बाद टिडिड्यों का सबसे भयानक हमला है। ऐसे में दिल्ली और पंजाब को बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। क्योंकि पाकिस्तान की सीमा से सटी जैसलमेर से उड कर टिडिड्यों का झुड भारत के कई राज्यों में तबाही मचा रही है। टिडिड्यां 24 घंटे में 200 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर सकती है।यदि उन्हें हवा का सहारा मिल जाये तो, वे एक दिन में तमाम फसलों को पूरी तरह से नष्ट कर सकती है। जो देश की अर्थव्यवस्था के लिये संकट खडा कर सकती है। मध्य –प्रदेश के लोगों का कहना है कि सरकार को टिडिड्यों से बचाव के लिये कोई कारगर व ठोस कदम उठाने चाहिये । जिससे किसानों की आने वाली फसलों को नष्ट होने से रोका जा सकें । अगर समय रहते इस दिशा में सही कारवाई ना की गयी तो दालें की फसलें बुरी तरह से तबाह हो जायेगी। जिससे देश में खाद्य संकट पैदा हो सकता है।