कोरोना वैक्सीन लेने के बावजूद यूपी में डॉक्टर संक्रमित

उत्तर प्रदेश में कोरोना वैक्सीन लगवाने के बावजूद संक्रमित होने का पहला मामला सामने आया है। यहां सोमवार को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात डॉक्टर नितिन कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। उन्होंने 15 फरवरी को कोरोना की पहली जबकि 16 मार्च को दूसरी खुराक ली थी। डॉ. नितिन के संक्रमित पाए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हलचल मच गई है। फिलहाल उनको होम क्वारंटीन किया गया है। इसके बाद टीके पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
कोरोना संक्रमण के साथ ही टीकाकरण अभियान भी तेजी पकड़ रहा है, पर यह थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस साल भी मार्च में इसके मामलों में तेजी से इजाफा दर्ज किया जा रहा है। अब लखनऊ में टीकाकरण की दोनों डोज़ लेने के बावजूद डॉक्टर के संक्रमित पाए जाने के बाद लोगों में आशंका होने लगी है। आम लोगों को लगता है कि क्या गारंटी है कि कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद वे संक्रमित नहीं होंगे।
देश में बढ़ते मामलों को देखते हुए कोविड अस्पतालों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। इनमें संक्रमितों को दी जाने वाली रेमेडिसिविर समेत अन्य जरूरी दवाएं पर्याप्त मात्रा में स्टॉक करने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। अस्पतालों में डॉक्टर और स्टाफ की पांच-पांच अतिरिक्त टीमें रिजर्व की गई हैं। यूपी में लेवल-थ्री के 15, लेवल-टू के 68 अस्पताल चल रहे हैं। अन्य व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त करने के लिए कहा गया है।

कोविशील्ड की दूसरी खुराक अब 28 नहीं, 56 दिन बाद

टीकाकरण अभियान जोरों पर है। सोमवार को भारत सरकार ने कोविशील्ड वैक्सीन की खुराक को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब दूसरी खुराक 28 दिन की जगह 56 दिन के बाद दी जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बताया गया कि तकनीकी सलाहकार समूह और विशेषज्ञों की ताजा समीक्षा के बाद यह फैसला लिया गया कि दोनों खुराक के बीच समय अंतराल 4-6 सप्ताह की जगह 4-8 सप्ताह तक की होनी चाहिए।
कोविशील्ड टीका को पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार किया जा रहा है। फिलहाल भारत में अभी सबसे अधिक उपयोग इसी वैक्सीन का हो रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक देश में कोरोना वैक्सीन की 3.55 करोड़ पहली डोज दी गई हैं जबकि करीब 75 लाख दूसरी डोज दी जा चुकी है।