कोरोना वायरस के कहर से जूझ रही दुनिया को बचाने के लिए वैज्ञानिक दिन-रात इस महामारी का वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। दुनिया में वर्तमान समय में कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर 120 से ज्यादा विशेषज्ञ काम कर रहे हैं। जबकि, इनमें से 13 वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के चरण में पहुंच चुकी हैं। इनमें से सबसे ज्यादा चीन की वैक्सीन का मानव पर प्रयोग चल रहा है। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अभी तक कोई भी ऐसी वैक्सीन नहीं बनी है जिसे कोरोना वायरस वैक्सीन का नाम दिया जा सके।
इस बीच, अमेरिका की बायोटेक फर्म इनोवियो ने दावा किया है कि कोरोनो वायरस वैक्सीन के परीक्षण के दौरान बेहतर परिणाम सामने आाए हैं। फर्म का दावा है कि आईएनओ-4800 नाम की वैक्सीन ने 40 लोगों पर किए गए जांच के दौरान 94 फीसदी सफल रही है।
क्लीनिकल ट्रायल के दौरान अमेरिका में 18 से 50 साल के उम्र के 40 लोगा को टीका दिया गया। इनको चार सप्ताह में वैक्सीन के दो इंजेक्शन दिए गए। टेस्ट के परिणाम से पता चला कि आईएनओ-4800 वैक्सीन ने सभी लोगों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई। कंपनी के अनुसार, इस दौरान वैक्सीन का कोई भी साइड इफेक्ट भी देखने को नहीं मिला।
स्पाइक प्रोटीन से खत्म होगा कोरोना
स्पाइक प्रोटीन से मानव शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। वैक्सीन से स्पाइक प्रोटीन का निर्माण होगा तो शरीर उसे वायरस समझकर ज्यादा संख्या में एंटीबॉडी बनाएगी। जबकि इस प्रोटीन से शरीर को कोई नुकसान नहीं होगा, जबकि कोरोना वायरस का खात्मा हो जाएगा।