चीन से फैला कोरोना वायरस अब पुरी दुनिया के लिए एक खतरा बनता जा रहा है। भारत में इस बीमारी से निपटने पुख्ता इंतज़ाम किये जा रहे हैं। चीन और हांगकांग से आने-जाने वाले लोगों की थर्मल स्क्रीनिग भारत के हवाई अड्डों पर की जा रही है। दिल्ली के डॉक्टरों ने इस बीमारी को पूरी तरह से स्वाइन फ्लू की तरह बताया है। डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी का इलाज सावधानी है। सावधानी बरतने से इस बीमारी से बचाव जरूरी है। तहलका संवाददाता ने स्वास्थ्य महकमे से जुड़े डॉक्टरों और कर्मचारियों से इस बीमारी के बारे में समझा। उन्होंने बताया कि अगर इस बीमारी से जुड़ा कोई भी मामला सामने आता है, तो उससे निपटने और बेहतर उपचार के पुख्ता इंतज़ाम हैं। इसका स्वाइन फ्लू की तरह एक वार्ड है, जिसमें रोगियों का उपचार किया जा सकता है।
दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर अनिल बंसल ने बताया कि कोरोना वायरस स्वाइन फ्लू की तरह है। इस बीमारी का उपचार है। यह बीमारी उन लोगों के लिए ज़्यादा खतरनाक है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। जैसे मधुमेह रोगी, बीपी, दमा और हृदय के रोगियों को इस बीमारी से बचने के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। अगर किसी को लगातार बुखार के साथ खाँसी आ रही है और हाथ-पैरों में सूजन हो, तो उसे नज़रअंदाज़ न करे और जल्द से जल्द उपचार करवायें।
कालरा अस्पताल के हार्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. आरएन कालरा ने बताया कि चीन से एशिया में फैला कोरोना वायरस अब अमेरिका तक पहुँच गया है। बताया जा रहा है कि चीन में अब तक सौ से अधिक लोगों की इस वायरस से मौत हो चुकी है, जबकि वहाँ सैकड़ों मामले सामने आये हैं।
मैक्स अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विवेका कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस आमतौर पर जानवरों मेंं पाये जाते हैं। कई बार जानवरों से इंसानों में भी इसका संचार हो जाता है। इस बीमारी के लक्षण आसानी से पकड़ में नहीं आते; लेकिन खुद-ब-खुद खत्म हो जाते हैं। क्योंकि इस बीमारी का इलाज अभी तक ईजाद नहीं हुआ है। ऐसे में हृदय रोगियों को अगर घबराहट के साथ साँस लेने में दिक्कत हो, तो उसे नज़रअंदाज़ न करें। डब्ल्यूएचओ के डॉक्टर दिव्यांग ने बताया कि कोरोना वायरस एक खतरनाक वायरस है, जो ज़रा-सी लापरवाही पर जानलेवा साबित हो सकता है। बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। अगर उनको एक सप्ताह तक बुखार के साथ खाँसी और साँस लेने में दिक्कत हो, तो डॉक्टर से ज़रूर परामर्श लें और बेहतर इलाज कराएँ।
एम्स के डॉक्टर आलोक कुमार ने बताया कि चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे शोधों से इस बीमारी को पकड़ा गया है। इसमें ज़रा-सी भी असावधानी ठीक नहीं है। संक्रमण फैलने वालेे क्षेत्र में जाने से बचें। अगर किसी भी व्यक्ति को सर्दी-जुकाम भी है, तो भी इलाज करवाएँ। यदि आसपास कोई भी संक्रमित है, तो उससे बचें और उससे हाथ भी मिलाएँ, तो साबुन से हाथ साफ कर लें। मृत जानवरों के पास न जाएँ। अगर जाना पड़े, तो मुँह पर मास्क लगाकर जाएँ, ताकि किसी प्रकार का संक्रमण न हो सके।
बता दें कि इस मामले में विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा है कि केरल की करीब 100 भारतीय नर्सों का परीक्षण किया गया है। ये नर्सें चीन से आयी थीं। इनमें से केवल एक नर्स कोरोनो वायरस से संक्रमित मिली है। सऊदी अरब के एसेर नेशनल अस्पताल में संक्रमित नर्स का इलाज चल रहा है।
केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने केंद्र को लिखा पत्र
कोरोना वायरस को लेकर केरल के स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कहा है कि राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने चिट्ठी में कहा है कि सऊदी अरब के अजीर आबा अल हयात अस्पताल में भारतीय नर्स में कोरोना वायरस का संक्रमण गम्भीर है। इस मामले में ज़रूरी कदम उठाये जाने चाहिए।