एक ओर जहां चीन और दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस के नए मामलों में कमी दर्ज की जा रही है, वहीं दूसरी ओर पश्चिमी देशों में यह लगातार तेजी से फैलता जा रहा है। सबसे ज्यादा हालत खस्ता इटली की है। इसके अलावा इंग्लैंड और अमेरिका में भी इसके मामलों में इजाफा देखा जा रहा है। ज्यादातर देश वीजा रद्द कर रहे हैं साथ ही कई तरह की पाबंदिया लगाई जा रही हैं। स्कूलों के साथ ही सिनेमा घर और स्टेडियम भी बंद किए जा रहे हैं।
इटली को स्वास्थ्य सेवाओं की कुशलता के लिए हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट ने विश्व में दूसरे स्थान पर रखा था। लेकिन चीन के बाद कोरोना वायरस का संक्रमण यहां सबसे तेजी से इसी देश में फैला है। करीब आधा इटली कैद सा हो गया है। ज्यादातर स्टेशनों पर सन्नाटा पसरा है। ईरान को अपवाद के तौर पर मानें तो टॉप-100 देशों के मामले मिलने के बाद सबसे तेजी से संक्रमण पश्चिमी देशों में ही फैला है।
जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए विश्लेषण में इन देशों को चिह्नित किया गया है। इसमें बताया गया है कि इन पश्चिमी देशों में कोरोना वायरस का संक्रमण प्रतिदिन औसतन 33 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ा। रिपोर्ट के अनुसार अधिकतर पश्चिमी देशों में संक्रमण फैलने का पैटर्न भी एक जैसा रहा। यह संकेत है कि खतरे को समझने और संक्रमण को रोकने में यह सभी देश नाकाम रहे। इस सूची में केवल ईरान एकमात्र एशियाई देश है जहां 33 प्रतिशत से अधिक दर से मामले बढ़ रहे हैं।
जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग में थमा
रिपोर्ट में एशियाई देशों का उल्लेख किया गया है, जहां बड़ी संख्या में मामले मिलने के बावजूद संक्रमण के प्रसार की रफ्तार अब धीमी हो गई है। इनमें जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, हांगकांग प्रमुख हैं। यहां संक्रमण के प्रसार की रफ्तार 33 प्रतिशत से कम रही। ताईवान तो लगभग काबू पा लिया है।
पश्चिमी देश में कितने संक्रमण
इटली – 12642
अमेरिका – 1336
यूनाइटेड किंगडम – 456
स्पेन – 2277
नॉर्वे – 648
नीदरलैंड – 503
बेल्जियम – 314
स्वीडन – 500
स्वित्जरलैंड – 652
फ्रांस – 2281
जर्मनी – 1966