कोरोना के मामले भले ही कम हो रहे हो ऐसे में जरा सी लापरवाही घातक हो सकती है। डाक्टरों का मानना है कि, जिन्हें कोरोना हो चुका है। वे हार्ट , किडनी, लीवर सहित आँखों की जांच करवाते रहे। क्योंकि कोरोना के कुछ रोगी ऐसे भी है जिनको हार्ट और किडनी की बीमारी तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रही है।
इंडियन हार्ट फाउंडेशन के अध्यक्ष डाँ आर एन कालरा का कहना है कि कोरोना के रोगियों को स्वास्थ्य सम्बंधी परेशानी बढ़ी है। मैक्स अस्पताल के कैथ लैब के डायरेक्टर डाँ विवेका कुमार का कहना है कि, मधुमेह रोगी, उच्च रक्त चाप से पीड़ित मरीजों को अपने हार्ट की जांच समय –समय पर करवाते रहना चाहिये। क्योंकि कोरोना से शरीर में कमजोरी आने से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
आई एम ए के पूर्व संयुक्त सचिव डाँ अनिल बंसल ने कहा कि, दूसरी और तीसरी लहर कोरोना को लेकर लोगों के मन में डर और भय है। उसको लेकर डरें नहीं , बल्कि कोरोना को लेकर सावधानी बरतें और कोरोना गाइड लाईन का पालन करें।
चूंकि, तमाम अध्यनों से पता चला है कि कोरोना कि कोरोना के रोगियों को शारीरिक दिक्कत के साथ अंगों के डैमेज होने के मामले सामने आ रहे है। जो चिन्ता का विषय है। ऐसे में लगातार बुखार आने और खांसी-जुकाम के साथ बैचेनी हो तो उसे नजरअंदाज ना करें। डाक्टरों से परामर्श करें । ताकि कोरोना से समय रहते लड़ा जा सकें।