देश में कोरोना के लगातार मामले बढने से, खून की मांग 70 प्रतिशत तक बढी है। विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर डाक्टरों ने माना कि रक्त की कमी कोरोना काल में रोगियों को मुशीबत में डाल सकती है।डब्ल्यू एच ओ के अनुसार किसी भी देश में अगर 1 प्रतिशत आबादी रक्तदान करें, तो उस देश की रक्त की जरूरत को पूरा किया जा सकता है और जरूरतमंद लोगों की जिदंगी को बचाया सकता है।इंडियन हार्ट फाउंडेशन के अध्यक्ष डाँ आर. एन. कालरा ने कहा कि कोविड -19 के कहर के कारण जो पीडित आ रहे है ।उनको सही मायने में खून की जरूरत हो सकती है।जागरूकता के अभाव में आज भी लोग रक्तदान करने से डरते है, कि कहीं उन्हें कोई कमजोरी और कोई दिक्कत ना हो जाये । इसके कारण वे रक्तदान करने से हिचकते है । जबकि सच्चाई ये है कि रक्तदान करने से कोई कमजोरी नहीं आती है। इसलिये रक्तदान करने से डरे नहीं है। मैक्स अस्पताल के हार्ट रोग विशेषज्ञ डाँ विवेका कुमार का कहना है कि दिल्ली, मुम्बई और अन्य राज्यों में इस समय कोरोना के मामलों में जो इजाफा हो रहा है, उसके कारण अस्पतालों में भर्ती मरीजों को थैलेसीमिया , डायलिसिस और अन्य रक्त समंधित बीमारियों से जूझते मरीजों को रक्त की कमी हो सकती है। उऩ्होंने कहा कि हार्ट के रोगियों को खासकर जिनकी सर्जरी होनी है ,वे कोरोना काल में सावधानी बरतें । द अल्मोनर बायोटेक के डायरेक्टर डाँ जसवाल का कहना है, कि कोरोना कहर के कारण जब लाँकडाउन हुआ था । तब लोगों ने रक्तदान ना किया और अब अनलाँकडाउन के कारण लोगों के आने –जाने से और वाहनों के देशव्यापी आवाजाही के कारण सडक दुर्घटनाओं की संख्या में काफी बढोत्तरी हुई है। जिसके कारण रक्त की काफी मांग बढी है। उन्होंने कहा कि इस कोरोना महामारी और अन्य बीमारियों से जूझते लोगों में रक्त की कमी ना हो, इसके लिये रक्तदान कर लोगों की जिन्दगी बचाये ।डाँ जसवाल का कहना है कि रक्तदान करने से किसी को संक्रमण होने का खतरा नहीं रहता है।थर्मल स्र्कीनिंग लोकेशन हिस्ट्री जानकर ही रक्त ले सकते है।आई एम ए के पूर्व संयुक्त सचिव डाँ अनिल बंसल का कहना है कि इस समय अस्पतालों में सर्जरी फिर से शुरू हो गयी है और डायलिसिस मरीजों की संख्या में बढोत्तरी हो रही है । इस कारण रक्त की मांग बढ रही है।उन्होंने कहा कि देश – दुनिया में लोगों में लोग बढ चढकर रक्तदान करते है पर भारत जैसे देश में अभी लोगों में रक्तदान को लेकर काफी आशंकाये रहती है कि कही कोई दिक्कत ना हो जाये इसलिये रक्तदान करने से बचते है। जबकि सच्चाई ये है कि रक्तदान करना स्वास्थ्य के लिये हानिकारक नहीं है।