अजीब विडम्बना है कि एक ओर तो दिल्ली में कोरोना के केस बढ़ रहे है। वहीं कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही है। कोरोना को लेकर जो पाबंदियां थी उनको 31 मार्च से दिल्ली सरकार ने पाबंदियों को हटा दिया था। क्योंकि कोरोना के मामले कम हो रहे थे। अप्रैल माह में कोरोना के मामले बढ़ने से दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के नेतृत्व हुई डी डी एम ए के बैठक में 20 अप्रैल का निर्णय लिया गया कि कोरोना को काबू करने के लिये मास्क जरूरी है जो भी बिना मास्क के पाये जायेगा उसका 500 रुपये का चालान कटेगा।लेकिन अब कोरोना को लेकर लोगों में डर और भय नहीं दिख रहा है। लोग बिना मास्क के दिल्ली में घूम रहे है। लोग चालान कटने तक से नहीं डर रहे है। इस बारे में एम्स के डॉक्टर आलोक कुमार का कहना है कि अगर लोगों ने कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में कोरोना के मामले बढ़ सकते है।दिल्ली के चांदनी चौक, लाजपत नगर मार्केट, सरोजिनी नगर मार्केट , कनॉट प्लेस में सहित दिल्ली के तमाम मार्केट ऐसे है जहां पर लोगों को बिना मास्क लगाये देखा जा सकता है।
डीडीएमए के वरिष्ठ अधिकारी ने तहलका को बताया कि कोरोना को अगर सही मायने में रोकना है तो रेलवे स्टेशन , एयर पोर्ट और बस अड़्डे में कोरोना गाईड लाईन का सही तरीके से पालन होना चाहिये।क्योंकि वायरस के आने -जाने की मुख्य वजह हो सकती है। इसलिये कोरोना को लेकर सख्ती बरतनी चाहिये।
दिल्ली में फिलहाल कोरोना गाइडलाइन को अधिक से अधिक लोग पालन नहीं कर रहे है।जिसका कारण ये है कि कोरोना हर रोज बढ़ रहे है। समय रहते कोरोना नहीं रोका गया तो चौथी कोरोना लहर का कारण बन सकती है।
|