कोरोना को लेकर सजग-सतर्क रहे, डरे नहीं

कोरोना को लेकर आई आई टी कानपुर के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि कोरोना की चौथी लहर 22 जून से आ सकती है। और अगस्त के महीने में चरम पर होगी। कोरोना की चौथी लहर को लेकर आईएमए के पूर्व संयुक्त सचिव डॉ अनिल बंसल का कहना है कि आईआईटी ने जो दावा किया है वह ठीक है क्योंकि कोरोना का वायलस नये-नये स्वरूप में आ सकता है।
इसलिये कोरोना को लेकर डरने की जरूरत नहीं है। बल्कि सावधानी और सतर्कता की जरूरत है।भीड-भाड़ वालें इलाके में जाने से बचना चाहिये। क्योंकि कोरोना का वायरस हो या कोई अन्य वायरस हो आदमी से आदमी में आसानी से संक्रमित कर सकता है।एम्स के डॉ आलोक कुमार ने बताया कि कई बार कोरोना को लेकर जो भी शोध किये जाते है और अनुमान लगाये जाते है वो अक्सर सही साबित नहीं होते है।
लेकिन ऐसे में एक माहौल जो नकारात्मकता का बनता है उससे जरूर स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत होने लगती है। उन्होंने बताया कि भी कोरोना गया नहीं है। इसलिये कोरोना को लेकर जो भी गाईड लाईन बनायी गयी है। उसका पालन होना चाहिये । अन्य़था संक्रमित बीमारी के फैलने में देरीा नहीं  लगती है। कोरोना का कहर रूक-रूक कर आया है।
वर्ष 2020 के बाद 2021 के अप्रैल -मई के महीने में कोरोना ने लोगों को बीमार ही नहीं किया ता बल्कि लोगों की जान भी ली थी। फिर जनवरी 2022 में ओमिक्रोन ने दहशत फैलाई थी। और लाखों मामलें हर रोज आने लगे थे  ओर एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत होने लगी थी।ऐसे में कोरोना से बचाव के लिये हमें सावधानी के साथ जागरूकता पर बल देना चाहिये।