दिल्ली में गत दिनों से बढ़ रहे कोरोना के मामलों के बीच ओमिक्रोन के मामलें भी लोगों के बीच डर का माहौल तो बना ही रहे है। साथ ही दिल्ली सरकार और केन्द्र सरकार के अस्पतालों में कोरोना के साथ अन्य मरीजों को सही तरीके का पर्याप्त इलाज नहीं मिलने से मरीजों में काफी रोष है।
मरीज मनोज के परिजन घनश्याम ने तहलका संवाददाता को बताया कि गत चार दिनों पहले डाँक्टरों की हड़ताल के चलते मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। गरीब मरीजों को इलाज को भटकना पड़ा है। कई मरीजों की तो इलाज के अभाव में मौत तक हो गयी है।
बाजारों में भीड़ बढ़ने से कोरोना के मामलें बढ़ने की संभावना ज्यादा है। एम्स के डॉ आलोक कुमार का कहना है कि समय रहते अगर कोरोना के नये स्वरूप ओमिक्रोन पर काबू नहीं पाया गया तो आने वाले दिनों में ओमिक्रोन भी मुसीबत बढ़ा सकता है। डाँ आलोक कुमार का कहना है कि तामाम सर्वेक्षणों के हवाले से ये जानकारी प्राप्त हो रही है कि जनवरी-फरवरी माह में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। इसलिये बचाव के तौर पर सावधानी अपनाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करे।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य कर्मचारी पवन सिंह ने कहा कि लगातार 10 दिनों से दिल्ली में केन्द्र और राज्य सरकारों के अस्पतालों में डाक्टरों की हड़ताल के चलते स्वास्थ्य सेवायें चरमराई है। अगर लगातार हड़ताल का सिलसिला यूं ही जारी रहा तो आने वाले दिनों में कोरोना का कहर लोगों की जिन्दगी में मुशीबत डाल सकता है।सूत्रों की माने तो दिल्ली सरकार कोरोना के बढते प्रकोप को देखते हुये 22 दिसम्बर से सुरक्षा की दृष्टि को देखते हुये कई स्थानों पर पांबदी लगा सकती है।