कोरोना वायरस के कहर के साथ – साथ अब लोगों को लू की चपेट में आने के कारण स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। देश के कई हिस्सों में 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान दर्ज किया गया है। ऐसे में जरा सी लापरवाही हीट स्ट्रोक का कारण बन सकती है।डाक्टरों का कहना है कि मानव शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है अगर ऐसे में शरीर का तापमान 45 डिग्री की चपेट में यानि कि लू -गर्म हवा के कारण की चपेट में आता है, तो ब्रेन अटैक और हार्ट अटैक होने का चांस बढ सकता है।इस लिये ऐसे मौसम में सावधानी के तौर पर तेज धूप में जाने से बचें । मैक्स अस्पताल के कैथ लैब के डायरेक्टर डाँ विवेका कुमार का कहना है कि इस समय कोरोना के कहर के साथ –साथ लू के कहर से बचना होगा । क्योंकि कई बार जरा सी लापरवाही घातक होती है।डाँ विवेका का कहना है कि कोरोना और लू की चपेट में आने सबसे अधिक खतरा हार्ट रोगियों को होता है।क्योंकि गर्मी के मौसम में उच्च रक्तचाप और मानसिक तनाव के रोगियों को हार्ट रोगियों को काफी दिक्कत होती है। ऐसे में बचाव के तौर पर तरल और हरी सब्जियों का सेवन करें। जाने- माने आयुर्वेदाचार्य डाँ दिव्यांग देव गोस्वामी का कहना है, कि पहली बार ऐसा संयोग बना है कि कोरोना से साथ लू का कहर लोगों को हिलाकर रख रहा है। क्योंकि इसके पहले तो कोरोना जैसे संक्रमित महामारी का कहर नहीं था । पर इस बार लू और कोरोना दोनों एक साथ है । ऐसे में बचाव के तौर पर आर्युवेद के मुताबिक नीबू , पुदीना हरा , तरबूज और खरबूज का सेवन लाभदायक हो सकता है।
आईएमए के पूर्व संयुक्त सचिव अनिल बंसल ने बताया कि लू और कोरोना दोनों के एक साथ में अगर कोई मरीज आता है । तो निश्चित तौर पर उसके लिये काफी घातक हो सकता है । ऐसे में इन दिनों खासकर कोरोना युग में जिस तरह घर में रहकर कोरोना से बचाव किया है । वैसे ही लू से बचाव करें । सुबह – सुबह ठहलें और अधिक से अधिक पानी का सेवन करें जिससे लू से बचा जा सकें।