जैसे-जैसे देश में कोरोना वायरस का कहर बढ रहा है, वैसे –वैसे कोरोना के बचाव के तौर पर देश की स्वास्थ्य सेवायें लचर होती जा रही है और प्रशासनिक अफसर लोगों को जागरूक करने के वजाये औपचारिकता निभा रहे है। उत्तर –प्रदेश और मध्य- प्रदेश के हिस्से वाले बुन्देलखण्ड में कोरोना कहर बढ रहा है । बुन्देलखण्ड में हर रोज औसतन 5 सौ से अधिक मामले आ रहे है और तकरीबन 6 से 7 लोगों की मौतें हो रही है। ऐसे में सरकार का दायित्व बनता है ,कि कोरोना की रोकथाम के लिये कारगर उपाय उठाये । ताकि कोरोना को रोका जा सके । पर ऐसा नहीं हो पा रहा है। बल्कि कोरोना को लेकर सरकार से लेकर जनमानस लापरवाह बनकर ऊभरा है । आलम ये है कि लोगों के बीच इस बात का मैसेज है कि कोरोना का कहर सालों- साल का है , कब तक घरों में रहेगे । उत्तर –प्रदेश के हिस्से वाले बुन्देलखण्ड में पहले कोरोना की रोकथाम के लिये जिला प्रशासन बाजारों को सुबह 9 से शाम 5 बजे तक की अनुमित दिये था और पुलिस भी बिना मास्क पहने वालों के खिलाफ कार्यवाही भी कर रही थी। पर अब 12 अगस्त से सरकार ने बाजारों को सुबह 7 से शाम 7 बजे तक की अनुमति दे दी है। जिसके कारण बाजारों में अब पहले जैसी भीडभाड आम बात साबित हो रही है। यही हाल मध्य प्रदेश के हिस्से वाले बुन्देलखण्ड का है जहां पर पहले लाँकडाउन जैसे हालत रहे 5 अगस्त रहे है । लेकिन अब यहां पर भी सरकार ने बाजारों को बे रोक-टोक खोलने की अनुमति दे दी है । ऐसे में यहां पर जमकर भीडभाड देखी जा रही है। ऐसे हालात और सरकार लापरवाही को लेकर बुन्देलखण्ड वासियों ने तहलका संवाददाता को बताया कि जब देश में कोरोना का कहर नहीं था तब देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 मार्च से मई के अंत तक लाँकडाउन लगा कर सबको घरों में कैद कर दिया था। अब देश में जब 60 हजार से ज्यादा मामले आ रहे और सैकडों लोगों की मौते हो रही है । तो ऐसे में सरकार को सख्ती बरतनी चाहिये थी। पर ऐसा ना होने से देश में कोरोना का कहर बढेगा और देश के पिछडे क्षेत्रों में शुमार बुन्देलखण्ड में कोरोना को रोकना मुश्किल होगा। झांसी जिला निवासी राजेश का कहना है कि सरकार ना जाने कौन से नियमों के आधार पर काम कर रही है। ऐसे में जनता लापरवाही के कारण कोरोना की गिरफ्त में आ रही है। भगवान दास का कहना है कि सरकार को भली- भाँति मालूम है कि बुन्देलखण्ड में स्वास्थ्य सेवाये लचर है, तो ऐसे में लोगों को जागरूक करके रोका जा सकता है पर अब ऊल्टा हो रहा है जब मामले बढ रहे है। तो सरकार बाजारों को खोलने की अनुमति दे रही है । जो बुन्देलखण्डवासियों को घातक साबित होगा। अब पुलिस और प्रशासन भी सुस्त हो गया है । जो लोगों के लिये चिंता की बात है । बताते चले बुन्देलखण्ड के गांवों में कोरोना के मामले दिन व दिन बढ रहे है। बुन्देलखण्ड के मध्य- प्रदेश और उत्तर – प्रदेश के हिस्से में कुल 13 जिले है जो इस समय कोरोना की चपेट में है ।