दिल्ली में कोरोना के मामलें ढ़ाई महीनें के बाद अचानक बढ़ने से चिकित्सा क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। चिकित्सों का कहना है कि दिल्ली में डेंगू के कहर के साथ–साथ कोरोना के बढ़ते मामलें घातक साबित हो सकते है।
बताते चलें कि, ढ़ाई महीनें के बाद 62 कोरोना के नये मामलें और दो मौतें हुई है। जानकारों का कहना है कि कोरोना के अचानक मामलें अगर इसी तरह बढ़ते रहे तो हमें सावधान रहने की बेहद जरूरत है।
इंडियन हार्ट फाउंडेशन के चेयरमैन डाँ आर एन कालरा का कहना है कि, “लोगों की लापरवाही और बिना मास्क के लोगों के घूमने से कोरोना के मामलें बढ़े है। अगर ऐसी ही लापरवाही रही तो कोरोना को विकराल रूप धारण करने में ज्यादा देरी नहीं लगेगी।
मौजूदा समय में दिल्ली में डेंगू, कोरोना के साथ–साथ वायु प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य के लिये काफी घातक है। मैक्स अस्पताल के कैथ लैब के डायरेक्टर डाँ विवेका कुमार ने बताया कि गले में दर्द और बुखार के साथ बैचेनी हो तो उसे नजर अंदाज ना करें। क्योंकि बदलते मौसम में और कोरोना के प्रकोप में जरा सी लापरवाही घातक हो सकती है।
डाँ विवेका कुमार का कहना है कि, कोरोना का कहर लगभग थम सा गया था। लेकिन देश के कई राज्यों के साथ दिल्ली में कोरोना की मामूली सी बढ़त भी चिन्ता पैदा करती है। इसलिये सावधानी के तौर पर सोशल डिस्टेसिंग का पालन करें।