कोरोना का कहर कहें या जमाखोरों की चाल, क्योंकि सर्दी का मौसम हरी सब्जियों का मौसम कहलाता है। लेकिन ऐसा क्या हो रहा है। कि दिल्ली की सब्जी मंडियों में सब्जियों के दाम फिर से बढ़ने लगे है। दिल्ली में प्याज की कीमतों में गत दो-दिनों से उछाल देखा जा रहा है। वहीं गोभी और पत्ता गोभी के दाम भी बढ़ने लगें।
सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि सब्जी के दाम जब सर्दी के मौसम में बढ़ते है तो, उसके पीछें जमाखोरों का हाथ होता है। मौजूदा समय में लॉकडाउन लगने की शंका और कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुये जमाखोरों ने अपने फायदे को देखते हुये प्याज को जमा करना शुरू कर दिया है। जिससे प्याज के दाम में फिलहाल 5 रूपये प्रति किलो बढ़ने लगें है।
सब्जी विक्रेता अमर सिंह का कहना है कि दिल्ली में आजादपुर सब्जी मंडी से और गाजीपुर सब्जी मंडी से थोक और रिटेल में सब्जी सप्लाई होती है। इन्ही दोनों सब्जी मंडियों में दलालों का जमावड़ा ही आपसी सहमति से जमाखोरी की योजना बनाते है। और सब्जी मंडी में जाकर एक माहौल बनाते है कि प्याज की आवक कम हो रही है। वहीं से मिलकर सब्जियों के दामों को सुनियोजित तरीके से दाम बढ़ाते है। जिससे गलियों में बिकने वाली सब्जियों के दाम बढ़ने लगते है।
आजादपुर मंडी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जनता तो कई दिनों तक दो-चार रूपये बढ़े दामों का विरोध नहीं करती है। लेकिन जैसे ही दामों में इजाफा प्रति किलों 10-12 रूपये प्रति किलो बढ़ने लगता है। तब जनता विरोध करती है कि महंगाई बढ़ रही है। तब सरकार जागती है तब तक जमाखोर करोड़ो रूपये कमा लेते है।फिलहाल जो भी हो रहा है सब्जियों के दामों में इजाफा उसकी पूरी जानकारी सरकार को मालूम है लेकिन जमाखोरों की सांठगांठ के चलते कोई भी कार्रवाई नहीं होती है। जिसके चलते लोगों को महंगी सब्जी खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है।