भले ही ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया रूप हडकंप मचाये हुये है पर भारत में इस नये वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है। लेकिन देश में स्वास्थ्य सेवायें चौकस और सतर्क कर दी गयी है। लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।
स्वास्थ्य महकमें में जरूर हडकंप है पर डाँक्टरों का कहना है कि नया कोरोना ज्यादा घातक नहीं है। लेकिन बच्चों को अपने चपेट में ले सकता है। नेशनल मेडिकल फोरम के चेयरमैन डाँ प्रेम अग्रवाल का कहना है कि जिस प्रकार लोगों ने कोरोना से बचाब किया है उसी तरह, इस वायरस से बचाव की जरूरत है। घबरानें की नहीं बल्कि सतर्कता बरतनें की जरूरत है।
सीनियर डाँ दिव्यांग देव गोस्वामी का कहना है कि पहले ही कोरोना वैज्ञानिकों और चिकित्सा जगत के लिये एक अबूझ पहेली बना हुआ है। अब नये रूप में आने से चिंता बढ़ा दी है। डाँ दिव्यांग का कहना है कि ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में मिले नये स्ट्रेन में वायरल लोड पाया गया है। जो चिंता का कारण है।
एम्स के डाँ अजय पाल का कहना है कि, कोरोना से जिस तरीके से बचाव किया है। उसी तरह इसका बचाव है। मास्क , सोशल डिस्टेंसिंग है। बाल रोग विशेषज्ञ डाँ राकेश जैन का कहना है कि बच्चों में अभी नये स्ट्रेन से इंफेक्शन के कोई मामले सामने नहीं आये है पर बच्चों को इस मामलें ज्यादा सावधान रहने की आवश्यकता है।