रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित कोरोनारोधी दवा को मरीजों के लिए आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई है। दवा पाउडर के रूप में मिलती है। इसे पानी में घोलकर मरीज को पिलाना होता है। ये दवा सीधे उन कोशिकाओं तक पहुंचती है, जहां संक्रमण होता है और वायरस को बढ़ने से रोक देती है।
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने शनिवार को ड्रग 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) दवा से कोरोना के इलाज के लिए आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। संक्रमित मरीज के लिए यह एक वैकल्पिक इलाज होगा। जिन मरीजों पर इस दवा का इस्तेमाल किया गया, उनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट भी निगेटिव आई।
क्लीनिकल ट्रायल में यह दवा कोरोना मरीजों में संक्रमण बढ़ने को रोकने के साथ ही उसे ठीक करने में कारगर साबित हुई है। इस दवा को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गनाइजेशन की लैब इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन ने डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरी की मदद से तैयार किया गया है। मरीज के ऑक्सीजन लेवल में भी सुधार देखा गया है। डीजीसीआई ने मई 2020 में कोरोना मरीजों पर 2-डीजी के दूसरे चरण का चिकत्सीय परीक्षण शुरू किया था। यह पूरी तरह से प्रभावी पाई गई। ट्रायल में 110 कोरोना मरीजों को शामिल किया गया। ये मरीज 11 अस्पतालों के थे।