हाकी का विश्व कप भुवनेश्वर में पूरी शान-ओ-शौकत के साथ शुरू हो गया। 27 नवंबर से शुरू हुए इस टूर्नामेंट में विश्व की 16 टीमें भाग ले रही हैं। 16 दिसंबर तक चलने वाले इस महाकुंभ में भारत एक बड़ी चुनौती पेश कर सकता है। भारत ने 43 साल पहले कुआलालंपुर में विश्व कप जीता था। उसके बाद वह कभी इसके सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंचा। एक रोचक आंकड़ा यह भी है कि 1994 में पाकिस्तान के खिताब जीतने के बाद कोई एशियाई टीम इस खिताब को नहीं जीत सकी।
ध्यान देने वाली बात यह है कि विश्व कप हाकी में एस्ट्रो टर्फ का इस्तेमाल 1986 में शुरू हुआ। हालांकि ओलंपिक खेलों में एस्ट्रो टर्फ का उपयोग 1976 के मांट्रियाल ओलंपिक से हो रहा था। इस टूर्नामेंट में भारत का सबसे खराब प्रदर्शन रहा। 12 टीमों में उसे 12वां स्थान मिला। एस्ट्रो टर्फ के आते ही विश्व हाकी से जैसे एशियाई देशों की विदाई हो गई।
पहले पांच विश्व कप प्राकृतिक घास के मैदानों पर खेले गए। इनमें से चार एशियाई देशों ने और एक यूरोपीय देश ने जीता। 1986 में एस्ट्रो टर्फ का इस्तेमाल लंदन विश्व कप में हुआ और अगले आठ विश्व कप मुकाबलों में से सात यूरोपीय देशों और आस्ट्रेलिया ने जीते और एक (1994) एशियाई देश पाकिस्तान ने जीता। एस्ट्रो टर्फ के आने से हाकी की कलात्मकता का स्थान गति ने ले लिया। घास पर होने वाले मैच कुछ धीमे होते थे। इन पर खिलाड़ी अपनी स्किल के दम पर खेलते थे। ‘ड्रिव्लिंग और पासिंगÓ अति मनमोहक होती थी। इस कला में एशियाई देश माहिर थे। टर्फ के आने से खेल में तेजी आई और स्किल का स्थान गति ने ले लिया। गति और दमखम में यूरोप और आस्ट्रेलिया के खिलाड़ी काफी आगे हैं। इस वजह से ही एशियाई देश पिछड़ते जा रहे हैं।
एक और रोचक बात सामने आई है कि टर्फ आने के बाद प्रति मैच ‘गोलÓ होने की गिनती भी दुगनी हो गई है। पहले विश्व कप में एक मैच में औसतन दो गोल हुए जबकि टर्फ आने के बाद यह गिनती 2014 में चार गोल प्रति मैच हो गए हैं।
यदि आंकड़ों पर नज़र डालें तो अब तक 25 देश विश्व कप खेल चुके हैं। फाइनल में पहुंचने वाली कुल टीमों की गिनती सात है। इन में कुल 569 मैच खेले गए जिनमे 2276 गोल हुए। इन 13 विश्व कप मुकाबलों में भारत ने 186 गोल किए। इस विश्व कप में चीन पहली बार हिस्सा ले रहा है। विश्व कप में सबसे ज़्यादा 26 गोल करने का श्रेय नीदरलैंडस के पॉल लिट्जेंस केा जाता है। सबसे ज़्यादा 64 मैच जीतने वाली टीम है आस्ट्रेलिया। सबसे ज़्यादा अंतर से जीत दर्ज करने का रिकार्ड भी आस्ट्रेलिया के नाम है। उसने एक मैच में दक्षिण अफ्रीका को 12-0 से हराया था। एक टूर्नामेंट जिसमें सबसे ज़्यादा 300 गोल किए गए वह था 2002 का कुआलालंपुर में खेला गया विश्व कप। यह टूर्नामेंट जर्मनी ने जीता था।