सीबीआई में मचे घमासान और दो बड़े अफसरों को छुट्टी पर भेजने के बाद मोदी सरकार की तरफ से पहली प्रतिक्रिया वरिष्ठ मंत्री अरुण जेटली की तरफ से आई है। उन्होंने इन आरोपों कि एक अधिकारी (राकेश अस्थाना) मोदी सरकार के ”ब्लू आइड” हैं पर कहा कि सरकार के लिए कोइ अधिकारी ”ब्लू” या ”रेड आईड” नहीं। उन्होंने कहा कि चीज किसी टीवी चैनल के लिए ”मसाला” हो सकती है लेकिन सरकार के लिए ऐसी कोइ बात नहीं।
उन्होंने मीडिया से बातचीत में जोर देकर कहा कि सीबीआई के अफसरों राकेश अस्थाना और आलोक वर्मा ने एक दूसरे के खिलाफ आरोप लगाए हैं। ऐसे में दोनों में से कोई भी मामले की जांच नहीं कर सकते हैं और न ही उनके अधीन में मामले की जांच हो सकती है। ”मामले की निष्पक्ष जांच के लिए दोनों अफसरों को छुट्टी पर भेज दिया गया है”।
जेटली ने कहा कि देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई के अफसरों के बीच विवाद की जांच के लिए ”एसआईटी” का गठन किया गया है। वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि सीबीआई के मामलों की जांच का अधिकार सरकार के पास नहीं है। ”ऐसे में एसआईटी का गठन किया गया है”। कहा कि सीबीआई की जांच की निगरानी सीवीसी कर सकती है, लेकिन उसके पास भी जांच का अधिकार नहीं है।
जेटली ने कहा कि अस्थाना और वर्मा ने एक दूसरे के खिलाफ आरोप लगाए हैं लिहाजा दोनों में से कोई भी मामले की जांच नहीं कर सकते हैं और न ही उनके अधीन में मामले की जांच हो सकती है। मामले की निष्पक्ष जांच के लिए दोनों अफसरों को छुट्टी पर भेज दिया गया है। अरुण जेटली ने स्पष्ट किया कि अभी से अंदाजा नहीं लगाया जा चाहिए कि कौन अफसर सही हैं या गलत। ”निष्पक्ष जांच के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकेगा”। उन्होंने कहा कि सीबीआई मुख्य जांच एजेंसी है और इसकी स्वायत्ता बनी रहनी चाहिए। ”यह असाधारण मामला है”।