मोदी सरकार एकाध दिन में कैग रिपोर्ट संसद में लाने की योजना बना रही है हालाँकि उससे पहले ही वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सीएजी राजीव महर्षि पर गंभीर आरोप लगाया है। सिब्बल ने कहा है कि ”राफेल सौदे में राजीव महर्षि खुद की जांच कैसे कर सकते हैं। जब पीएम नरेंद्र मोदी ने अप्रैल, २०१५ में इस डील की घोषणा की थी, तब वह केंद्रीय वित्त (आर्थिक मामलों) सचिव थे।”
माना जा रहा है कि कैग की रिपोर्ट्स सोमवार को संसद में पेश हो सकती है। रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री सिब्बल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जो सीएजी साल २०१५ में राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने के इस मामले में बतौर वित्त सचिव शामिल था, वही सीएजी अब रिपोर्ट पेश करेगा। सिब्बल ने कहा – ”यह हितों के टकराव का एक प्रमुख मुद्दा है। उन्हें (राजीव महर्षि) को इस रिपोर्ट को पेश करने से बचना चाहिए। अगर यह संसद में पेश किया जाता है, तो यह एक और बड़ा घोटाला होगा।”
पूर्व मंत्री ने महर्षि से कहा – ”आप २९ अक्टूबर २०१४ से ३० अगस्त २०१५ तक वित्त सचिव थे जिसका मतलब है कि ५८,००० करोड़ रुपये की लागत से ३६ राफेल विमानों की खरीद की पीएम की एकतरफा घोषणा के समय आप वित्त सचिव थे। वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधि यानी कॉस्ट अकाउंट्स सर्विस के सदस्य और वित्तीय सलाहकार भारतीय वार्ता टीम का हिस्सा थे। इसलिए, आप राफेल सौदे की बातचीत में भी शामिल थे। इसलिए आपको राफेल डिल की रिपोर्ट को पेश करने से बचना चाहिए।”
सिब्बल ने इसके साथ ही मोदी सरकार के सभी सरकारी अधिकारियों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा – ”हम पीएम मोदी के प्रति उनकी अत्यधिक निष्ठा वाले अफसरों की निगरानी कर रहे हैं। सरकारें तो आती जाती रहती हैं।”