वायनाड से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के चुनाव लड़ने पर हिन्दू-मुस्लिम-ईसाई करने वाली भाजपा खुद चुनाव जीतने के लिए कश्मीर में केसरिया से हरी हो गयी है। हरे रंग को कश्मीर में मुस्लिम धर्म से जोड़कर देखा जाता है लिहाजा भाजपा के कश्मीर में दीवारों पर लगे पोस्टर केसरिया नहीं हरे रंग में रंगे दिख रहे हैं।
श्रीनगर में लालचौक के आस-पास ही खालिद जहांगीर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हरे रंग में बड़े-बड़े होर्डिंग लगे हैं। वैसे केसरिया रंग भाजपा की पहचान मानी जाती है लेकिन कश्मीर में भाजपा को वोट लेने हैं लिहाजा पोस्टरों, विज्ञापनों और सोशल मीडिया में उसकी प्रचार सामग्री हरे रंग में रंगे दिख रहे हैं। हरे रंग का इस्लाम में बहुत महत्व है। लिहाजा कश्मीर में इस्लामिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए भाजपा हरे रंग का इस्तेमाल अपने प्रचार में कर रही है। भले वो देश के बाकी हिस्सों में कांग्रेस या विपक्ष पर इस रंग तो लेकर धार्मिक तंज कस्ती हो।
वैसे कश्मीर के स्थानीय राजनीतिक दलों के नेता भी चुनाव प्रचार में हरे रंग का ख़ास ख्याल रखते हैं। पीडीपी झंडे का रंग ही हरा है। श्रीनगर सीट से नैशनल कांफ्रेंस के दिग्गज और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ भाजपा टिकट पर मैदान में उतरे खालिद जहांगीर का इस बारे में कहना है कि हरा रंग तो भाजपा के झंडे में शामिल है। ”हरा रंग हमारे तिरंगे में भी है।
भाजपा के इस रंग बदल पर वैसे एक टिप्पणी नैशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला की तरफ से भी आई। उनका ट्ववीट – ”भाजपा का केसर कश्मीर में पहुंचने के बाद हरा हो गया है। कश्मीर में चुनाव प्रचार करते हुए वह क्यों लोगों को अपना असली रंग नहीं दिखा रही”।
एक बहुत दिलचस्प टिप्पणी भाजपा की पूर्व सहयोगी पीडीपी के पूर्व नेता हसीब द्राबू की तरफ से भी आई। उनका ट्वीट देखिये – ”कश्मीर में देखो कैसे रंग बदल रहे हैं। चुनावों के सियासी रंग देखो। कैसे केसरिया हरे में बदल गया। कहीं ऐसा तो नहीं कि पीडीपी ने भाजपा की रंग तैयार करने वाली प्लेट पर अपनी अमिट छाप छोड़ दी है”।