केरल में मंगलवार को लाखों महिलाओं ने सबरीमाला मंदिर में दर्शन के पक्ष और बराबरी के अधिकार के लिए मंगलवार को शाम तीन बजे मानव श्रृंखला बनाई है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद से महिलाएं सबरीमाला मंदिर में दर्शन के लिए लड़ाई लड़ रही हैं। ख़बरों के मुताबिक मानव श्रृंखला की अगुवाई केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा कर रही हैं।
उनके मानव श्रृंखला बनाने के इस अभियान को काफी दलों और संगठनों का भी समर्थन मिला है। श्रीनारायण धर्म परिपालन योगम भी इनमें शामिल है। केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने पिछले कल कहा था कि सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ सांप्रदायिक ताकतों के प्रदर्शन ने सरकार और अन्य प्रगतिशील संगठनों को राज्य में महिलाओं की दीवार बनाने के लिए प्रेरित किया है।
यह रिपोर्ट लिखे जाने तक महिलाओं का मानव श्रृंखला का सिलसिला जारी था। महिलाएं समाज में समानता का अधिकार मांगते हुए करीब ६३० किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बना कर इतिहास रच रही हैं। एक अनुमान के मुताबिक इस मानव श्रृंखला में करीब ४५,००,००० महिलाएं जुटी हैं। जानकारों के मुताबिक केरल के इतिहास में यह अपने तरह की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला है।
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने करीं ढाई महीने पहले सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के लिए महिलाओं के जाने पर रोक हटा दी थी। इसके बावजूद महिलाओं के लिए मंदिर में प्रवेश कठिन काम बना हुआ है और कट्टरवादी उनके मंदिर में प्रवेश का विरोध ही नहीं कर रहे वल्कि उन्हें प्रवेश से रोक भी रहे हैं। सबरीमला के अय्यप्पा मंदिर में आज तक किसी भी महिला (४५ साल से ऊपर) को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया गया है।