खतरनाक स्थिति जब होती है तो किसी राज्य में ”रेड अलर्ट” घोषित किया जाता है। केरल में बारिश थमने के बाद क्योंकि जलस्तर थोड़ा घटा है, लिहाजा वहां ‘रेड अलर्ट’ हटा लिया गया है। लेकिन वहां अब ‘ऑरेंज अलर्ट’ घोषित किया गया है । इसके मायने हैं खतरा, तैयार रहें। अभी १० जिलों के लिए ”ऑरेंज अलर्ट” जारी किया गया है।
प्राकृतिक या अन्य कारणों से जब मौसम खराब होता है तो ऑरेंज अलर्ट घोषित किया जाता है। इसमें लोगों को इधर-उधर जाने के प्रति सावधानी बरतने की सलाह होती है। इससे नीचे यानी सबसे काम चेतावनी वाला अलर्ट है यलो अलर्ट। इसके मायने हैं किसी भी खतरे के प्रति सचेत रहें। चंदेक इलाकों में ‘यलो अलर्ट’ घोषित है। रेड अलर्ट सबसे ऊंची अलर्ट चेतावनी है जब मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है या भारी नुकसान की आशंका होती है।
केरल में मरने वालों की संख्या ३६२ पहुंच चुकी है। सेना पूरी ताकत से लोगों को राहत शिविर पहुंचाने में जुटी है। एनडीआरफ से लेकर जल सेना के जवान दिन-रात कड़ी मेहनत कर बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए प्रयासरत हैं। बाढ़ से केरल में अब तक ९६ हजार किलोमीटर की सड़कें टूट चुकी हैं। राज्य सरकार ने बाढ़ से हुए नुकसान के कारण सुविधाओं को बहाल करने के लिए 2000 रुपये केंद्र सरकार से मांगे हैं। गौरतलब है कि दो दिन पहले पीएम मोदी ने हवाई सर्वेक्षण कर तत्काल 500 करोड़ देने का एलान किया था। इससे पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी हवाई सर्वेक्षण कर 100 करोड़ राहत की घोषणा कर चुके हैं। इसे बहुत नाकाफी बताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार से केरला की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर ज्यादा आर्थिक सहायता की मांग की है। उन्होंने मोदी सरकार की केरला को काम राशि देने पर हैरानी जताई है।
जलमग्न केरल पर प्रकृति की जबरदस्त मार पड़ी है। वहां बाढ़, बारिश और भूस्खलन से आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है। अलग-अलग इमारतों और छतों पर फंसे हजारों लोगों को शनिवार को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया। अब तक मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर ३६२ हो गई है, अकेले शनिवार को ही 35 लोगों की मौत हो गई। अलवत्ता बारिश रुकने से फिलहाल हालात धीरे-धीरे सुधर रहे हैं।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बताया कि बाढ़ के कारण राज्य को 19, 512 करोड़ का नुकसान हुआ है। केरल में 3.14 लाख लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। पिछले सौ साल में ऐसी भंयकर बाढ़ केरल में देखने को नहीं मिली। राज्य के सभी डैम को खोल कर रखा गया है।
वैसे मौसम विभाग ने राज्य के जिलों इरनाकुलम, पथानमिट्टा और अलपुझा में भारी बारिश की आशंका जताई है। इस समय 6,61,887 लोग 3,466 राहत शिविरों में रह रहे हैं। राज्य के अलुवा, चालकुडी, चेनगन्नूर, अलपुझा और पथानमिट्टा जिलों में बाढ़ ने सबसे ज्यादा कहर ढाया है। एनडीआरएफ, सेना, नौसेना और कोस्ट गार्ड यहां पूरी मुस्तैदी से बचाव और राहत कार्य में जुटे हैं।
भारतीय वायुसेना ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के लिए आसमान से राहत का सामान फेंक कर लोगों को राहत दे रहे हैं। एनडीआरफ के डीजी ने बताया कि एनडीआरएफ की 58 टीमों को राज्य के 8 जिलो में तैनात किया गया है। वह बचाव, निकाली का काम करने के साथ ही आपातकालीन चिकित्सा सहायता प्रदान कर रहे हैं। एनडीआरएफ ने अलप्पड़ गांव के चेरपू पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक गर्भवती महिला को भी बचाया है। भारतीय वायुसेना के गरुड़ स्पेशल फोर्स के विंग कमांडर प्रशांत ने बाढ़ प्रभावित जिले अलपुझा के एक घर की छत से बच्चे को बचाया है।