भारत के केरल में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया है। केरल के स्वास्थ्य मंत्री वीना जार्ज ने बताया कि कुछ दिन पहले पीड़ित शख्स यूएई गया था।
पीड़ित शख्स को यूएई से आने के बाद ही उसके अंदर मंकीपॉक्स के लक्षण दिखे है और जब उसका टेस्ट करवाया गया तो वो पोजिटिव निकला। पीड़ित के संपर्कों को पहचान कर ली गर्इ है, जिनमें उसके पिता, मां, एक टैक्सी चालक, एक ऑटो चालक व बगल की सीटों के 11 साथी यात्री शामिल है।
केंद्र सरकार ने केस के सामने आते ही राज्य की सहायता के लिए एक टीम भेजी है। इस टीम में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के विशेषज्ञ शामिल है। साथ ही केंद्र सरकार ने राज्यों को सावधानी बरतने के लिए लिखा था अफ्रीका के बाहर मंकीपॉक्स के मामले शायद ही कभी रिपोर्ट किया गया था।
आपको बता दें, मंकीपॉक्स एक प्रकार का वायरस है और इसके लक्षणों में एक विशिष्ट ऊबड़ चकत्ते के अलावा बुखार भी शामिल है। इसके दो मुख्य प्रकार बताए गए है जिसमें कांगो स्ट्रेन, जो अधिक गंभीर है इसके अंतर्गत 10 प्रतिशत रोगियों की मृत्यु का कारण बनता है। वहीं पश्चिम अफ्रीकी नस्ल, जिसकी मृत्यु दर लगभग 1 प्रतिशत है।
बता दे मंकीपॉक्स ज्यादातर अफ्रीका के पश्चिमी और मध्य क्षेत्रों में होते है साथ ही यूनाइटेड किंगडम, पुर्तगाल व स्पेन में भी इसके मामले दर्ज किए गए है।
कुछ समय पश्चात WHO ने बैठक कर कहा था कि फिलहाल मंकीपॉक्स अंतरराष्ट्रीय चिंता का सबब नहीं है। किंतु WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनास घेब्येयियस ने मंकीपॉक्स को लेकर चिंता जरूर जाहिर की थी।