जानलेवा निपाह वायरस ने केरल में एक बार फिर दस्तक दी है। अभी तक की ख़बरों के मुताबिक वहां इस वायरस से एक व्यक्ति की मौत हो गयी है। एक और मरीज का सैंपल टेस्ट के लिए पुणे भेजा गया है जबकि दो संदिग्ध मरीजों को बुखार और गले में परेशानी के कारण इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री पी विजयन ने कहा कि हालात पर नजर रखी जा रही है और सभी ऐहतियातन उपाए किए जा रहे हैं।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने एक मरीज में निपाह वायरस मिलने की बात की पुष्टि की है। एनार्कुलम का रहने वाला एक व्यक्ति (आयु २३ साल) पुणे वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट के टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया। स्वास्थय मंत्री ने बताया – ”दूसरे मरीज का सैंपल टेस्ट के लिए पुणे भेजा गया है। दो संदिग्ध मरीजों को बुखार और गले में परेशानी के कारण भर्ती कराया गया है। दो नर्स उनका इलाज कर रही हैं।”
सरकार के अधिकारियों के मुताबिक राज्य के ८६ संदिग्ध मरीजों पर निगरानी रखी जा रही है। इनमें अभी निपाह वायरस की पुष्टि नहीं हुई है। एर्नाकुलम मेडिकल कॉलेज में बीमारी के इलाज के लिए अलग से स्पेशल वार्ड बनाया गया है।याद रहे २०१८ में केरल में निपाह वायरस से १६ लोगों की जान चली गयी थी जबकि ७५० से ज्यादा मरीजों को निगरानी में रखा गया था।
केंद्र सरकार भी केरल में निपाह की रिपोर्ट्स पर नजर रखे हुए है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा – ”केंद्र सरकार केरल की हर संभव मदद कर रहा है। हम वन्यजीव विभाग के सीधे संपर्क में रहकर चमगादड़ों पर टेस्ट के लिए उनकी पूरी सहायता कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि अब यहां कुछ भी दुखद नहीं होगा। मैंने स्वास्थ्य सचिव और अधिकारियों के साथ बैठक की। मामले पर नजर रखने के लिए छह सदस्यीय टीम भेजी जा चुकी है।”
हर्षवर्धन ने लोगों से बीमारी को लेकर दहशत नहीं फैलाने की अपील भी की। मंत्री ने कहा – ”घबराने की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य विभाग हर तरह की परिस्थिति को संभालने के लिए तैयार है। हमारे पास जरूरत की सभी दवाइयां हैं। इस बीमारी से निपटने के लिए एर्नाकुलम मेडिकल कॉलेज में अलग से वार्ड बनाया गया है।”