अरविन्द केजरीवाल ने रविवार को लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके साथ छह मंत्रियों ने भी शपथ ली है। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इन सबको पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। मंत्री गोपाल राय ने आजादी के शहीदों के नाम पर शपथ ली। केजरीवाल से पहले शीला दीक्षित भी तीन बार तीन पूरे कार्यकाल के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। शपथ के बाद केजरीवाल ने जनता को संबोधित भी किया और अपनी जीत को जनता की जीत बताया।
जिन मंत्रियों ने दिल्ली के रामलीला मैदान में केजरीवाल के साथ शपथ ली उनमें मनीष सिसोदिया भी शामिल हैं जो पिछली सरकार में उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री थे। शिक्षा के क्षेत्र में जबरदस्त काम भी आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के सत्ता में आने का एक बड़ा कारण रहा है।
अन्य मंत्रियों में सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन, राजेंद्रपाल गौतम शामिल हैं। मंत्री गोपाल राय ने आजादी के शहीदों के नाम पर शपथ ली।
केजरीवाल ने शपथ ग्रहण से ठीक पहले ट्वीट करते हुए दिल्ली के लोगों से कहा कि अपने बेटे को आशीर्वाद देने के लिए वे रामलीला मैदान में जरूर आएं। शपथ ग्रहण समारोह में उन्होंने सभी दिल्लीवासियों को निमंत्रण देने के साथ-साथ ५० लोगों को विशेष तौर पर बुलाया था इनमें सफाईकर्मी, मेट्रो चालक, किसान आदि शामिल थे। ये लोग मंच पर मौजूद रहे।
आप नेताओं ने बताया था कि केजरीवाल के साथ मंच पर कुल ७० लोग रहेंगे और कुल एक लाख लोग इस शपथ ग्रहण समारोह में जुटेंगे। दिल्ली में एक मुख्यमंत्री के रूप में तीन बार शपथ लेने का यह दूसरा मौका है। इससे पहले कांग्रेस की सरकार में शीला दीक्षित ने तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थीं, हालांकि, उनकी तीनों परियां पूरे पांच-पांच साल की रही थीं जबकि केजरीवाल की पहली पारी दो ही साल की थी।
केजरीवाल ने २०१३ में पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद वह १४ फरवरी २०१५ को दूसरी बार मुख्यमंत्री बने।