केंद्र सरकार ने 26 अगस्त को अफगानिस्तान पर चर्चा करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में अफगानिस्तान को लेकर सरकार अपना रुख बता सकती है और विपक्ष से सुझाव मांग सकती है। इसके अलावा अफगानिस्तान में अभी तक फंसे भारतीयों को भारत वापस लाने को लेकर भी सरकार अपनी तैयारी की जानकारी विपक्ष को दे सकती है। इस बीच तालिबान ने सोमवार को अमेरिका को चेतावनी जारी करके 31 अगस्त तक देश से चले जाने को कहा है।
यह बैठक 26 अगस्त को दोपहर 11 बजे होगी। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों के इस बैठक में शामिल होने की संभावना है। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद पैदा हुए संकट के बाद सरकार की विपक्ष से यह पहली बैठक होगी।
इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर संसद में सभी पार्टियों के नेताओं से यह चर्चा करेंगे। सरकार ने सभी दलों के संसद के नेताओं को इस बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया है। बैठक में जयशंकर अफगानिस्तान को लेकर सरकार की तरफ जानकारी देंगे।
इस बीच अफगानिस्तान में एक बड़े हिस्से पर कब्ज़ा कर चुके तालिबान ने अमेरिका को चेतावनी 31 अगस्त तक देश से चले जाने को कहा है। बता दें काबुल में देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट अभी तक अमेरिका के नियंत्रण में हैं। अमेरिकी सैनिक ही इस एयरपोर्ट से तमाम संचालन को देख रहे हैं।
उधर काबुल से आज और 146 लोगों को सुरक्षित भारत लाया गया है। अफगानिस्तान के लोगों को लेकर आने वाली इंडिगो की फ्लाइट नंबर 6ई-1702 में दोहा से कुछ लोग दिल्ली एयरपोर्ट उतरे जबकि विस्तारा के जहाज से भी काफी लोग भारत पहुंचे हैं। इस बीच कतर से भारत आए 2 यात्री कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। कतर से आई इस फ्लाइट में 30 यात्री मौजूद थे। उधर तालिबान और नॉर्थर्न एलायंस के बीच पंजशीर में युद्ध की स्थिति बन गयी है।
तालिबान ने स्वीकार किया है कि उसके करीब 3000 लड़ाके पंजशीर के बाहर तखर, बदख्शां और अंदराब की ओर तैनात हैं। इस बीच जर्मन सेना ने कहा है कि काबुल एयरपोर्ट के नॉर्थ गेट पर सोमवार सुबह अफगान सुरक्षा बलों और अज्ञात हमलावरों के बीच मुठभेड़ हो गई। इसमें अफगान सेना का जवान मारा गया और तीन घायल हो गए। बाद में अमेरिकी और जर्मन सेना भी इसमें शामिल हो गई। हमलावर कौन थे, यह अभी पता नहीं है।
पंजशीर की तरफ जाने वाली अंद्राब घाटी में तालिबान और विरोधी फोर्स के बीच गोलबारी हुई है। इस लड़ाई में तालिबान के काफी नुकसान होने की खबर है। अहमद मसूद की कमान वाली नॉर्थर्न एलायंस फोर्स तालिबान का कड़ा मुकाबला कर रही है।