पिछले साल भाजपा नेता और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के कथित तौर पर चार किसानों सहित आठ लोगों को अपनी गाड़ी के नीचे रौंद देने की घटना के बाद लम्बे समय तक चर्चा में रहे यूपी के लखीमपुर खीरी में एक बार किसान सड़क पर उत्तर आये हैं। किसानों का मोदी सरकार के खिलाफ 72 घंटे का विरोध प्रदर्शन गुरुवार सुबह से आरंभ हो गया। महिलाओं सहित करीब 20 हजार किसान इस प्रदर्शन में जुटे हैं। पंजाब के किसान भी इस प्रदर्शन में शामिल हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में न्याय की मांग करते हुए 18 से 20 अगस्त तक मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। आज इस प्रदर्शन के पहले दिन किसान नेताओं राकेश टिकैत, दर्शन पाल और जोगेंद्र उग्रहान ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग की जिनके बेटे आशीष पर किसानों सहित आठ लोगों को अपनी गाड़ी के नीचे रौंद देने का आरोप आरोप है और जिसे लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गिरफ्तार किया गया था।
याद रहे लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर, 2021 को हिंसा के दौरान चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी। किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर केंद्र के खिलाफ 72 घंटे तक चलने वाले धरने में हिस्सा लेने के लिए पंजाब के किसान भी वहां पहुँच गए हैं। तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन में किसान नेता राकेश टिकैत, दर्शन पाल, जोगेंद्र सिंह उग्रहान, सुखदेव सिंह कोकरीकलां और मनजीत सिंह राय शामिल हुए हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान अपने खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग कर रहा है। संगठन की प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवजा देने के अलावा फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने की भी मांग है। बीकेयू (दोआबा) के अध्यक्ष मनजीत सिंह राय ने कहा कि अकेले पंजाब के 10,000 किसान विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं।