केंद्र सरकार 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने-अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए ‘हर घर तिरंगा’ अभियान शुरू करेगी। इसकी शुरुआत आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत की गयी है, जिसके लिए संस्कृति मंत्रालय नोडल मंत्रालय है।
‘हर घर तिरंगा” आजादी का अमृत महोत्सव के तहत भारतीय ध्वज के आन, बान, और शान को समर्पित अगली बड़ी पहल है जो की 15 अगस्त को घर पर झंडा फहराने और राष्ट्र निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को चिन्हित करने के लिए प्रोत्साहित करना है। गृह मंत्री अमित शाह आजादी का अमृत महोत्सव के तहत सभी प्रयासों की देखरेख करते है साथ ही हर घर तिरंगा कार्यक्रम को भी गृह मंत्री की मंजूरी मिल गई है।
संस्कृति मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार पिछले 15 महीनों में यानी आजादी का अमृत महोत्सव के 66 सप्ताह में 47 हजार से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए है, जिससे यह दुनिया में इस प्रकार के सबसे बड़े कार्यक्रमों में से एक बन गया है। और हर घंटे आजादी का अमृत महोत्सव से जुड़े करीब 4 कार्यक्रम हो रहे है। इस पहल के पीछे का विचार लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जगाना और हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है।
साथ ही इसके अंतर्गत स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों को याद करने से लेकर धारा के माध्यम से भारत की उपलब्धियों का जश्न मनाने तक, भारतीय ज्ञान प्रणालियों के लिए एक स्रोत, डिजिटल जिला भंडार के माध्यम से स्थानीय इतिहास के दस्तावेजीकरण से लेकर युवा भारत के साहित्यिक योगदान का जश्न मनाने तक, विभिन्न राज्यों को उजागर करने से लेकर स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान तक, प्रतिबंधित साहित्य पर आधारित कविता आजादी का अमृत महोत्सव का उद्देश्य लोगों को उनके अतीत से जोड़ना और उन्हें देश के प्रति मानचित्र में भाग लेने के लिए प्रेरित करना है।
आपको बता दे, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग, प्रदर्शन और फहराना भारतीय ध्वज संहिता 2002 द्वारा निर्देशित है। ध्वज संहिता राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन के लिए सभी कानूनों, परंपराओं, प्रथाओं और निर्देशों को एक साथ लाती है। और प्रदर्शन को नियंत्रित करती है। निजी, सार्वजनिक और सरकारी संस्थानों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज संहिता 26 जनवरी 2002 को प्रभावी हुर्इ।
भारतीय ध्वज संहिता 2002 में पिछले वर्ष संशोधन कर पॉलिएस्टर या मशीन से बने राष्ट्रीय ध्वज को अनुमति दी गर्इ थी। लेकिन अब राष्ट्रीय ध्वज हाथ से बने और हाथ से बुने हुए या मशीन से बने कपास, पॉलिएस्टर, ऊन, रेशम और खादी की पट्टी से बना होगा।
राष्ट्रीय ध्वज आकार में आयताकार होगा साथ ही यह किसी भी आकार का हो सकता है लेकिन ध्वज की लंबाई व चौड़ाई का अनुपात 3:2 होगा। भारतीय ध्वज संहिता के खं के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा और सम्मान के साथ असंगत आम जनता, निजी संगठनों और शैक्षणिक संस्थाओं के सदस्यों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।