महाराष्ट्र में सरकार बनाने की ख़बरों के बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है। मंत्रिमंडल के इस फैसले पर आश्चर्य जताया जा रहा है कि क्योंकि महाराष्ट्र के राज्यपाल कोशियारी ने रात ८.३० बजे तक का समय पहले ही एनसीपी को सरकार बनाने का फैसला बताने के लिए दे रखा है। केंद्रीय केबिनेट बिना राज्यपाल की सिफारिश के ऐसा फैसला नहीं कर सकती जिससे जाहिर होता है कि राजभवन से ऐसी सिफारिश आई है। हालांकि, बीच में ख़बरें थीं कि राज्यपाल ने ऐसी सिफारिश नहीं भेजी है। राज्यपाल को भी केंद्र से फैसले की आधिकारिक जानकारी अभी नहीं मिली है।
उधर शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं अहमद पटेल और कपिल सिब्बल से बात की है। सेना ने चेतावनी दी है कि यदि उन्हें राज्यपाल की तरफ से दिए गए समय से पहले राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की गयी तो यह गैरकानूनी होगा और इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा रही है। खबर है कि शिव सेना ने इसके लिए कपिल सिब्बल को जिम्मा सौंपा है। अहमद पटेल शाम को मुम्बई आने वाले हैं।
उधर एनसीपी नेता नवाब मालिक ने कुछ देर पहले प्रेस कांफ्रेंस करके कहा है कि शरद पवार सरकार को लेकर फैसला करेंगे और सरकार में तीनों दल शामिल होंगे।
वैसे राष्ट्रपति शासन लग जाने के बाद भी शिव सेना, एनसीपी और कांग्रेस का सरकार बनाने का रास्ता बंद नहीं हो जाएगा क्योंकि नियमों के मुताबिक उसके बाद भी यदि कोइ एक या कोइ गठबंधन बहुमत लायक विधायकों के समर्थन का दस्तावेजों के साथ सरकार बनाने का दावा करता है तो राज्यपाल को उन्हें आमंत्रित करना होगा।
इस बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल की पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की गयी है। पीएम मोदी आज ही ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेने ब्राज़ील जाने वाले हैं।
आज एनसीपी की बैठक हुई। इसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता नवाब मालिक ने पत्रकारों को बताया कि कांग्रेस के बिना सरकार बनना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस से बातचीत के बाद फैसला किया जाएगा।