नाराज पिछड़े वर्ग के वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा मोदी सरकार बाहर हो गए हैं। ”तहलका” की जानकारी के मुताबिक कुशवाहा ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। वे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिल सकते हैं। राहुल फिलहाल चंडीगढ़ में नॅशनल हेराल्ड के नवजीवन अखबार के उद्धघाटन समारोह में गए हैं।
एनडीए से खफा चल रहे कुशवाहा पिछले कल ही पटना में भाजपा के सहयोगी मुख्यमंत्री नीतीश सरकार के खिलाफ उपवास पर बैठे थे। कुशवाहा को लेकर बताया गया है कि वे आज एनडीए की बैठक में नहीं जाकर चंद्र बाबू नायडू की बुलाई विपक्षी दलों की बैठक में शामिल हो सकते हैं।
सम्भावना है कि कुशवाहा दोपहर में प्रेस कांफ्रेंस कर अपने फैसले सार्वजानिक कर सकते हैं। कहा जा रहा कि देश की राजनीति में बदलते रुख से कुशवाहा को कांग्रेस और यूपीए के साथ जाना लाभप्रद लग रहा है।
कुशवाहा वैसे भी एनडीए के लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर बहुत खफा हैं। उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) को अहमियत नहीं देने से कुशवाहा अपमानित महसूस कर रहे थे।
कुशवाहा कुछ दिन पहले लालू प्रदेश के राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के भविष्य के मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव से मिले थे। वैसे कुछ हलकों में यह जोरदार सम्भावना जताई जा रही है कि वे अपनी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) का नीतीश यादव से अलग हुए वरिष्ठ नेता शरद यादव की पार्टी ”लोकतांत्रिक जनता दल” में भी विलय कर सकते हैं।
बिहार में उपेंद्र कुशवाहा कोइरी समाज से आते हैं और बिहार की आबादी में कोइरी आबादी करीब ४ फीसदी है। ऐसे में उनके एनडीए से बाहर जाने से एनडीए को नुक्सान तो होगा ही।