बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा राजनीतिक दांव खेलते हुए रविवार को उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी का अपने पार्टी जेडीयू में विलय कर लिया। कुशवाहा बड़ी संख्या में अपने समर्थक नेताओं के साथ नीतीश की पार्टी में गए हैं। विलय के तुरंत बाद नीतीश कुमार ने कुशवाहा को जेडीयू संसदीय दल का अध्यक्ष बनाने का ऐलान कर दिया।
वैसे शनिवार को ही आरएलएसपी ने राष्ट्रीय परिषद की बैठक करके इसका फैसला कर लिया था। हालांकि, विपक्षी आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इस विलय को ‘नकली’ बताते हुए कहा है कि आरएलएसपी का तो पहले ही उनकी पार्टी में विलय हो चुका है।
आरएलएसपी के जेडीयू में विलय की औपचारिक घोषणा के बाद अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा – ‘मैं अब नीतीश कुमार के नेतृत्व में काम करूंगा।’ हालांकि, विलय की घोषणा के बाद आरजेडी ने कुशवाहा पर रंग बदलने का आरोप लगाते हुए इसे नकली विलय बताया है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा- ‘यह विलय फर्जी है। आरएलएसपी का विलय पहले ही आरजेडी में हो चुका है।’
जेडीयू के पटना दफ्तर में जब आरएलएसपी के जेडीयू में विलय की घोषणा हुई तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा का गले मिलकर स्वागत किया। बड़ी संख्या में नेताओं ने भी जेडीयू की शरण ली। बता दें शनिवार को आरएलएसपी की राज्य परिषद की बैठक में पार्टी के जेडीयू में विलय का बड़ा फैसला हुआ था। राज्य परिषद ने इसपर अंतिम फैसला करने के के लिए राष्ट्रीय परिषद को अधिकृत कर दिया था।
विलय के तुरंत बाद नीतीश कुमार ने कुशवाहा को जेडीयू संसदीय दल का अध्यक्ष बनाने का ऐलान कर दिया। कुशवाहा ने कहा – ‘बिहार चुनाव में जनादेश नीतीश कुमार को मिला है। हमने जनादेश का सम्मान करते हुए जेडीयू में विलय का फैसला किया है। फैसला किया गया कि देश और राज्य की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सामान्य विचारधारा के लोगों को एक मंच पर होना चाहिए।’