भोपाल से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा के २६/११ के हीरो हेमंत करकरे को लेकर अपमानजनक ब्यान, जिसपर वे माफी भी मांग चुकी हैं, पर प्रज्ञा की आलोचना का क्रम थम नहीं रहा है। मुंबई पुलिस पहले ही इसपर साध्वी के खिलाफ नाराजगी जाता चुकी है और अब ले. जनरल (रि.) डीएस हुड्डा ने कहा है कि अगर किसी शहीद के बारे में इस तरह के बयान आते हैं तो बहुत दुख होता है, फिर चाहे शहीद पुलिस फोर्स से हो या सेना से।
हुड्डा ने कहा – ”इस तरह के बयान आना ठीक नहीं है”। गौरतलब है कि हुड्डा की ही अगुवाई में २०१६ में पीओके आतंकी ठिकानों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी। जनरल हुडा अब डिफेंस मामलों में कांग्रेस को सलाह दे रहे हैं।
इससे पहले आईपीएस अफसरों की एसोसिएशन ने भी ट्वीट करते हुए प्रज्ञा के बयान की आलोचना की थी। उधर विशेष लोक अभियोजक रोहिणी सालिआन ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बयान को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा – ”एटीएस चीफ हेमंत करकरे अपने काम को लेकर प्रतिबद्ध थे और साध्वी का प्रताड़ना का आरोप सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान टिक नहीं पाया था।”
पूर्व पुलिस अधिकारी जूलियो रिबेरो ने हेमंत करकरे के साथ अपनी आखिरी मुलाकात को याद करते हुए बताया वह किसी दवाब में थे। उन्होंने कहा – ”वह (हेमंत करकरे) अज्ञात दबाव में थे। मैंने उनसे कहा था कि आप एक अच्छे हिंदू हैं और जॉब को अपना धर्म समझकर करिए।”
रिबेरो ने बताया कि मालेगांव बलास्ट के बाद साध्वी प्रज्ञा को अरेस्ट कर लिया गया था। साध्वी के अरेस्ट होने पर वरिष्ठ भाजपा नेता एलके आडवाणी ने तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह से बात की थी और प्रज्ञा ठाकुर को प्रताड़ित नहीं करने के लिए भी कहा था। ”मनमोहन सिंह ने एटीएस का बचाव किया था”।
रिबेरो के मुताबिक ”करकरे इन सब चीजों को लेकर चिंतित थे। मैंने उनसे कहा था कि परेशान नहीं हों, क्योंकि मैं आडवाणी को जानता हूं और मैं उनसे बात करूंगा।” रिबेरो ने कहा कि पुलिस फोर्स में सभी लोग जानते हैं और किसी ने भी करकरे के खिलाफ उंगली नहीं उठाई थी। ”उनकी डिपार्टमेंट में अच्छी ख्याति थी”।