तीन कृषि कानूनों के मुद्दे पर किसानों और केंद्र सरकार में 5 घंटे से ज्यादा चली 5वीं बैठक भी शनिवार को बेनतीजा ख़त्म हो गयी। एक और बैठक 9 दिसंबर को 11-12 बजे हो सकती है। किसानों ने सरकार से कहा है कि जो उसका फैला है वह लिखित में किसानों को दे जिसके बाद ही वो अगली बैठक को लेकर फैसला करेंगे। आज दिलचस्प यह भी रहा कि किसानों ने बैठक में मौन विरोध किया। किसान पहले ही 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ का ऐलान कर चुके हैं।
विज्ञान भवन में किसानों और सरकार के बीच आज पांचवें दौर की बातचीत में किसानों ने साफ कर दिया कि वे अपनी मांगों से टस से मस नहीं होंगे। उधर आज भी किसानों ने सरकार का खाना नहीं खाया और एक वाहन से उनके लिए अपना खाना विज्ञान आया। किसान नेताओं ने लाइन में लग कर प्लेट में भोजन लिया और वहीं जमीन पर बैठकर खाना खाया।
बता दें इस बैठक से पहले सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह कैबिनेट के वरिष्ठ साथियों को आवास पर बुलाया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि नरेंद्र सिंह तोमर इस मीटिंग में मौजूद रहे। बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसानों से बातचीत आग्रह किया कि वो प्रदर्शन में शामिल बुजुर्गों और बच्चों को घर भिजवा दें।
किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने मीटिंग में केंद्र सरकार से साफ कहा कि वो अपनी मांगों से पीछे हटने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा – ‘हमारे पास एक साल का राशन-पानी है। हम कई दिनों से सड़क पर हैं। अगर सरकार चाहती है कि हम सड़क पर ही रहें तो हमें कोई दिक्कत नहीं है। हम हिंसा का रास्ता नहीं चुनेंगे। इंटेलिजेंस ब्यूरो आपको सूचना देगा कि हम प्रदर्शन स्थल पर क्या करने जा रहे हैं। हम कॉर्पोरेट फार्मिंग नहीं चाहते हैं। इस कानून से सरकार फायदे में रहेगी न कि किसान।’
एक मौके पर बैठक में किसान नेताओं ने साफ कह दिया कि सरकार को हमारी मांगों पर एक फैसला लेना होगा वरना, हम बैठक से बाहर जा रहे हैं। बैठक के दौरान, किसानों के प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से पिछली बैठक का पॉइंटवाइज जवाब देने की मांग की। इसपर सरकार राजी हो गई। बैठक में किसानों ने कहा कि उन्हें इस पूरे विवाद का कोई अंतिम और पक्का हल चाहिए।