किसान आंदोलन का दबाव अब मोदी सरकार पर दिखने लगा है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर आधी रात को दो घंटे तक उच्च स्तरीय बैठक हुई है जबकि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ में कृषि कानूनों की बात की थी लेकिन किसानों ने केंद्र सरकार की कोई भी बात मानने से साफ़ इनकार कर दिया है और कहा है कि जब तक यह कानून वापस नहीं लिए जाते आंदोलन जारी रहेगा। इस बीच सोमवार को किसानों ने दिल्ली को जाम करने का ऐलान कर दिया। अभी भी हज़ारों की संख्या में किसान सिंघु बार्डर पर डटे हैं।
दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने बुराड़ी स्थित निरंकारी मैदान में जाने के बाद बातचीत शुरू करने के केंद्र सराकार के प्रस्ताव को नकार दिया और कहा कि वे सशर्त बातचीत को तैयार नहीं हैं। किसानों के संगठनों ने सरकार को चेतावनी दी है कि वे राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले सभी मार्गों को बंद कर देंगे। किसान पिछले चार दिन से हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं और उनकी मांग जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की है।
आज गुरपुरब है और आंदोलनकारी किसान सड़कों पर ही भांगड़ा डालकर इस बड़े दिन को मना रहे हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को देखते हुए केंद्र सरकार अब बैकफुट पर दिखने लगी है। दिल्ली सीमा के करीब जमे किसानों ने गृह मंत्री अमित शाह की बातचीत की मांग को ठुकराते हुए दिल्ली घेरने का ऐलान कर दिया है। इस बीच, कई केंद्रीय मंत्रियों ने आज ट्वीट कर कृषि कानून पर सरकार का पक्ष रखा है। हजारों की संख्या में किसान दिल्ली सीमा पर डटे हुए हैं और उन्होंने चेतावनी दी है कि वे सशर्त बातचीत स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि वे राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले सभी पांच प्रवेश मार्गों को बंद कर देंगे।
बता दें कि रविवार तक सिर्फ सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर ब्लॉक थे, लेकिन सोमवार को गुरुग्राम, गाजियाबाद और फरीदाबाद से राजधानी को जोड़ने वाले हाईवे को किसानों ने बंद कर देना है। किसानों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर सुरक्षा और कड़ी की गई। गाजीपुर बॉर्डर को पुलिस ने बड़े-बड़े बोल्डर लगाकर ब्लॉक किया है। गाजीपुर सीमा (दिल्ली-गाजियाबाद) पर मौजूद किसानों ने बैरिकेड्स गिरा दिए।
किसानों ने प्रदर्शन के लिए बुराड़ी जाने से मना कर दिया तो देर रात भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर हाई लेवल बैठक हुई जो करीब 2 घंटे तक चली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है।
इस बीच लगातार किसानों की बात कर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को एक ट्वीट करके कहा – ‘मोदी सरकार ने किसान पर अत्याचार किए- पहले काले क़ानून फिर चलाए डंडे लेकिन वो भूल गए कि जब किसान आवाज़ उठाता है तो उसकी आवाज़ पूरे देश में गूंजती है। किसान भाई-बहनों के साथ हो रहे शोषण के खिलाफ आप भी स्पीक अप फॉर फार्मर्स कैंपेन के माध्यम से जुड़िए।’
उधर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने किसानों के मसले पर कहा – ‘नाम किसान कानून लेकिन सारा फायदा अरबपति मित्रों का। किसान कानून बिना किसानों से बात किए कैसे बन सकते हैं? उनमें किसानों के हितों की अनदेखी कैसे की जा सकती है? सरकार को किसानों की बात सुननी होगी। आइए मिलकर किसानों के समर्थन में आवाज उठाएं।’ प्रियंका ने भी राहुल की तरह अपने ट्वीट के साथ स्पीक अप फॉर फार्मर्स कैंपेन हैशटैग का इस्तेमाल किया।
शनिवार को भी राहुल गांधी ने एक तस्वीर को साझा करके केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। तस्वीर में एक जवान बुजुर्ग किसान पर डंडे चलाता हुआ नजर आ रहा है। राहुल ने तस्वीर साझा करते हुए लिखा था, ‘बड़ी ही दुखद फोटो है। हमारा नारा तो ‘जय जवान जय किसान’ का था लेकिन आज प्रधानमंत्री मोदी के अहंकार ने जवान को किसान के खिलाफ खड़ा कर दिया। यह बहुत खतरनाक है।’
इस बीच अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के प्रतिनिधियों ने कहा कि अगर सरकार किसानों की मांगों को लेकर गंभीर है, तो उसे बात करनी चाहिए। भारतीय किसान एकतागृह के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने कहा – ‘हम बॉर्डर से नहीं हटेंगे। हमारी मांग है कि सरकार कृषि कानूनों को वापस ले। इससे कम हमें कुछ भी मंजूर नहीं है।’
राहुल गांधी का ट्वीट –
Rahul Gandhi
@RahulGandhi
मोदी सरकार ने किसान पर अत्याचार किए- पहले काले क़ानून फिर चलाए डंडे लेकिन वो भूल गए कि जब किसान आवाज़ उठाता है तो उसकी आवाज़ पूरे देश में गूंजती है।
किसान भाई-बहनों के साथ हो रहे शोषण के ख़िलाफ़ आप भी #SpeakUpForFarmers campaign के माध्यम से जुड़िए।