किसान आंदोलन फिर हो सकता है शुरू

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम 10 मार्च को घोषित होने के बाद देश में तमाम मुद्दों पर हलचल तेज हो सकती है। जिसमें से एक है किसान आंदोलन है। किसानों का कहना है कि सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है।

किसान नेता व एडवोकेट चौ. बीरेन्द्र सिंह ने तहलका को बताया कि केन्द्र सरकार ने किसानों के साथ सिर्फ डिजिटल समझौता किया है। लिखित में नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हमारे किसान नेता राकेश टिकैत कई बार किसानों को सम्बोधित कर ये बता चुके है। अगर सरकार ने किसानों से लिखित में हमारी मांगों को नहीं माना तो, किसान आंदोलन के लिये तैयार रहे। जिसके लिये किसानों की एक कमेटी गठित की जायेगी। जो आगे की रणनीति तय करेगी।

चौ. बीरेन्द्र सिंह ने बताया कि वे किसान नेता के साथ वकील भी है। और किसानों के अधिकारों के लिये लंबे समय से संघर्ष कर रहे है। उन्होंने बताया कि सरकार ने किसानों को फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने के लिये कमेटी गठन करने समेत किसी आश्वासन का पालन नहीं किया है। जिससे देश भर का किसान अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है। इसलिये अब की बार किसान जो आंदोलन करेगा। वह बड़ा होगा।

उन्होंने आगे बताया कि 10 मार्च को चुनाव परिणाम आने के बाद सरकार को यह पता चल जायेगा कि उसके साथ जनता है कि नहीं है। क्योंकि सरकार ने सत्ता के नशे में किसानों के साथ दमनकारी नीतियों का पालन किया है। सैकड़ो किसान मारे गये है। मारे गये किसानों के साथ कोई न्याय नहीं हो रहा है। इन्ही तामाम मुद्दों पर किसान आंदोलन फिर से शुरू कर सकता है।