कृषि कानून के विरोध में किसानों के आंदोलन के चलते देश के व्यापारियों का गुस्सा सरकार के विरोध में बढ़ता ही जा रहा है। दिल्ली के व्यापारियों ने तहलका संवाददाता को बताया कि वैसे ही देश, अभी कोरोना काल से जूझ रहा है। देश की अर्थ व्यवस्था चरमरायी हुई है। व्यापारियों के व्यापार लड़खड़ाये हुये है। सरकार को ना जाने क्या सूझा, कि वो कृषि कानून बिल लेकर आ गयी जिससे देश का किसान आंदोलन करने को मजबूर है।
चाँदनी चौक और सदर बाजार के व्यापारी राकेश अग्रवाल और संतोष चावला का कहना है कि दिल्ली की सीमाओँ पर एक राज्य से दूसरे राज्य में वाहनों के आवागमन ना हो पाने के कारण उनका व्यापार टूट रहा है। बाजारों में ग्राहकों की कमी है। खरीददारी कम हो रही है। बाजार में पैसे की कमी देखी जा रही है। लोग बाजारों में आने-जाने में कतरा रहे है। पंजाब,हिमाचल, उत्तर –प्रदेश सहित अन्य राज्यों से बड़े वाहन आ –जा नहीं पा रहे है। जिसके कारण गर्म कपड़ो का व्यापार कम हुआ है।
कश्मीरी गेट के आँटो पार्टस के व्यापारी धीर कुमार ने बताया कि आँटो पार्टस का व्यापार यहां से देश भर में होता है। जब से किसान आंदोलन शुरू हुआ है। तब से व्यापार आधा रह गया है। व्यापारियों ने सरकार से अपील की है। किसानों की मांगों पर तुरन्त ध्यान दें ताकि देश में सुचारू और सामान्य काम-काज स्थापित हो सकें।अन्यथा देश की अर्थ व्यवस्था चौपट हो जायेगी।