किसानों और सरकार के बीच 8वें दौर की बातचीत दिल्ली के विज्ञान भवन में 2 बजे शुरू होगी। सुप्रीम कोर्ट के किसान आंदोलन को लेकर दायर याचिका पर 12 जनवरी के फैसले के बाद दोनों के बीच यह पहली बैठक है। किसानों ने साफ़ किया है कि तीनों कृषि कानूनों को खत्म करने और एमएसपी को कानूनी बनाने से कम वो किसी बात पर समझौता नहीं करेंगे।
वार्ता से पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा – ‘कानून संसद लेकर आई है और ये वहीं खत्म होंगे। कानून वापस लेने पड़ेंगे और एमएसपी पर कानून लाना पड़ेगा।’
किसानों का केंद्र के कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन का आज 51वां दिन है। आज की बैठक को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बातचीत दिल्ली में 2 बजे होगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज दोपहर 2 बजे किसानों और सरकार के बीच 8वें दौर की बैठक होगी। कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट की अस्थाई रोक के आदेश के बाद यह दोनों के बीच पहली बैठक है।
बैठक से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत सरकार उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करती है और उच्चतम न्यायालय की बनाई समिति जब सरकार को बुलाएगी तो हम अपना पक्ष समिति के सामने रखेंगे। आज वार्ता की तारीख़ तय थी इसलिए किसानों के साथ हमारी वार्ता जारी है।
उधर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री, कैलाश चौधरी ने कहा कि किसान यूनियन के नेता सुप्रीम कोर्ट से भी बड़े हो रहे हैं। चौधरी ने कहा – ‘मंत्री जी (तोमर) ने लगातार सात दौर की वार्ता की। गृहमंत्री लगातार उनके संपर्क में हैं। प्रधानमंत्री ने भी आश्वासन दिया है। कोर्ट ने कानूनों पर रोक लगा दी है। उन्हें (किसानों को) जिद छोड़ देनी चाहिए।’