किसानों ने सरकार के प्रस्ताव खारिज किए, 14 दिसंबर को देशव्यापी प्रदर्शन

मोदी सरकार को बड़ा झटका देते हुए आंदोलनकारी किसानों ने शाम को भेजे सरकार के प्रस्ताव ठुकराते हुए आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है। किसान  नेताओं ने अब से कुछ देर पहले एक प्रेस कांफ्रेंस में इसका ऐलान किया। उन्होंने साफ़ कहा कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने से कम किसी चीज पर समझौता नहीं होगा। साथ ही 14 दिसंबर को देशव्यापी प्रदर्शन किया जाएगा। किसान नेताओं ने यह भी ऐलान किया है कि भाजपा से जुड़े मंत्रियों का घेराव किया जाएगा।

कृषि कानूनों को लेकर सरकार की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव को किसान संगठनों ने खारिज कर दिया है। किसान संगठनों ने कहा कि हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा। किसान नेताओं ने कहा कि दोबारा प्रस्ताव आएगा तो हम उसपर विचार करेंगे। कहा कि पूरे देश में आंदोलन तेज करेंगे और 14 दिसंबर को पूरे देश में धरना प्रदर्शन होगा। भाजपा के मंत्रियों का घेराव करेंगे और 12 दिसंबर तक जयपुर-दिल्ली हाईवे सील रहेगा। दिल्ली की सड़कों को जाम करेंगे और 12 दिसंबर तक टोल प्लाजा को फ्री करेंगे। कानून रद्द किए जाने तक जंग जारी रहेगी। इसके अलावा उन्होंने सभी जियो उत्पादों का बायकाट करने का भी फैसला किया है।

शाम को किसान संगठनों के एक प्रतिनिधि समूह को सरकार की ओर से एक मसौदा प्रस्ताव 13 कृषक संगठन नेताओं को भेजा गया जिनमें बीकेयू (एकता उगराहन) के जोगिंदर सिंह उगराहन भी शामिल हैं। यह संगठन करीब 40 आंदोलनकारी संगठनों में से सबसे बड़े संगठनों में शामिल है। प्रस्ताव मिलने के बाद किसान संगठनों ने बैठक की और बाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसान संगठनों ने आगे के रुख की जानकारी दी। गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार की रात 13 संगठन नेताओं से मुलाकात के बाद कहा था कि सरकार किसानों द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक मसौदा प्रस्ताव भेजेगी। किसान नेता कृषि कानूनों को वापस लेने पर जोर दे रहे हैं।

सरकार और कृषि संगठन के नेताओं के बीच छठे दौर की वार्ता बुधवार की सुबह भी प्रस्तावित थी, जिसे रद्द कर दिया गया था। मसौदा प्रस्ताव कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने भेजा। दिन भर सरकार की तरफ से किसान नेताओं के आंदोलन को किसी भी तरह ख़त्म करवाने की योजनाओं पर काम चलता रहा। शाम को एक प्रस्ताव सरकार की तरफ से किसानों को भेजा गया। इस प्रस्ताव पर किसान नेताओं ने चर्चा की और घोषणा की कि उन्हें यह प्रस्ताव किसी भी सूरत में पसंद नहीं हैं।

किसान नेताओं ने साफ़ कर दिया है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने से कम किसी चीज पर समझौता नहीं होगा। साथ ही 14 दिसंबर को देशव्यापी प्रदर्शन किया जाएगा। किसान नेताओं ने यह भी ऐलान किया है कि भाजपा से जुड़े मंत्रियों का घेराव किया जाएगा। किसानों का यह फैसला मोदी सरकार के लिए बड़ा झटका है क्योंकि पिछले दो दिन से खुद गृह मंत्री अमित शाह इसमें सक्रियता दिखा रहे हैं।

अब संभावना यही है कि किसान आंदोलन तेज होगा। केंद्र सरकार से प्रस्ताव मिलने के बाद किसान नेताओं ने इस पर विचार किया,  जिसके बाद किसान नेताओं की बैठक हुई और इस बैठक में ये फैसला लिया गया कि सरकार का ये प्रस्ताव किसानों को मंजूर नहीं है। सरकार ने एमएसपी पर लिखित में देने का आश्वासन दिया था, लेकिन किसानों के नेताओं ने सरकार के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।

केंद्र सरकार कृषि कानून में 5 संशोधन करने का प्रस्ताव रखा था। सरकार किसानों को ये गारंटी देने के लिए तैयार थी कि एमएसपी खत्म नहीं होगा और एमएसपी पर  किसानों के मुताबिक कुछ बदलाव संभव हैं। सरकार ने मंडी सिस्टम बेहतर करने का भी भरोसा दिया था। सरकार ने ये भी कहा था कि किसानों को कोर्ट जाने का अधिकार मिलेगा। सरकार कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कानून में संशोधन और निजी कंपनियों पर कुछ टैक्स लगाने की भी बात को सहमत थी।

आज बॉलीवुड अभिनेत्री गुल पनाग भी किसानों के समर्थन में सिंघु बॉर्डर पहुचीं और उन्होंने किसानों हौसला बढ़ाया। पनाग एक सेना अधिकारी की बेटी हैं।